कुशीनगर : किन्नरों को अब मुफ्त शिक्षा, इग्नू केंद्रों पर मिलेगी यह सुविधा, सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश जारी, देश के सभी शिक्षण संस्थानों के लिए निर्देश हुए जारी, मिलेगा प्रवेश
अजय कुमार शुक्ल ’ कुशीनगर 1किन्नर समाज को सरकार समाज की मुख्य धारा में जोड़ने की कवायद में लगी है। हाल ही में मतदान का अधिकार देने के बाद अब सरकार ने इनकी शिक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। पूरे देश में इनको मुफ्त शिक्षा देने की व्यवस्था कर दी गई है। यह सुविधा देश के सभी इग्नू (इंदिरा गांधी ओपेन यूनिवर्सिटी) केंद्रों पर मिलेगी। 130 मई 2014 के सर्वे के अनुसार देश में कुल 4.9 लाख किन्नर हैं। इसमें केवल 55 हजार किन्नरों को उनके माता-पिता की पहचान मिल सकी है। साक्षरता की दर भी 46 फीसद ही है। कुशीनगर में इनकी संख्या 655 है। 1इग्नू के कुलपति प्रो.र¨वद्र कुमार ने देश के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश जारी कर कहा है कि किन्नरों को सभी पाठ्यक्रमों में निश्शुल्क प्रवेश दिया जाएगा। वे पूरे देश में कहीं भी किसी शाखा में प्रवेश ले सकते हैं। बुनकरों को भी बीपीपी और सीएलपी पाठ्यक्रम में निश्शुल्क प्रवेश मिलेगा। बुद्ध पीजी कालेज, कुशीनगर स्थित इग्नू अध्ययन केंद्र के समन्वयक डा.अमृतांशु शुक्ल ने बताया कि निर्देश के तहत किन्नरों का निश्शुल्क प्रवेश लिया जाएगा।
🔵 इग्नू केंद्रों पर मिलेगी यह सुविधा, सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश जारी
🔴 देश के सभी शिक्षण संस्थानों के लिए निर्देश हुए जारी, मिलेगा प्रवेश
उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक है किन्नरों की संख्या
पूरे देश के 28 फीसद किन्नर केवल उत्तर प्रदेश में ही रहते हैं। इनमें भी सर्वाधिक ग्रामीण इलाकों में रहते हैं और साक्षरता का फीसद बहुत कम है। मुख्य रूप से नाच-गाना कर अपनी जीविका चलाते हैं।हमें प्राथमिक शिक्षा मिलेगी तभी इग्नू में पढ़ सकेंगे1किन्नरों की संस्था एकता सेवा संस्थान के सचिव वीरेन्द्र राज ने सरकार की इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा है कि पहली बार किसी सरकार ने किन्नरों के बारे में सोचा है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि सबसे बड़ी परेशानी यह है कि जब किन्नरों को अक्षर ज्ञान ही नहीं है, तो वह इग्नू में कैसे दाखिला लेकर आगे की पढ़ाई करेंगे। पहले हमें प्राथमिक शिक्षा चाहिए। इसके लिए जल्द ही हम एक बैठक करेंगे। बैठक में प्रशासन के अधिकारियों के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी उपस्थित होने का अनुरोध किया जाएगा। ताकि वह हमारी प्राथमिक शिक्षा की व्यवस्था कर सकें।