UPTET : एनसीटीई के तय मानकों पर होगी टीईटी 2017, परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने समय सारिणी जारी की, सूत्रों के अनुसार इस बार भी प्रश्नपत्र आदि की गुणवत्ता पिछले वर्षो की तरह ही रहने के आसार
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : उप्र की शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी यूपी टीईटी 2017 में किसी भी अभ्यर्थी को कोई अलग से राहत नहीं मिलने जा रही है। दूरस्थ बीटीसी उत्तीर्ण शिक्षामित्र हों या डीएलएड (पूर्व बीटीसी) उत्तीर्ण अभ्यर्थी या फिर बीएड करने वाले अभ्यर्थी सभी को आवेदन से लेकर इम्तिहान तक में एक जैसे नियमों का पालन करना होगा। ऐसे संकेत हैं कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय प्रश्नपत्र की गुणवत्ता को भी पहले की परीक्षाओं की तरह बनाए रखेगा।
प्रदेश में 2011 से लेकर अब तक एक वर्ष को छोड़कर शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमित रूप से हो रही है। पहले वर्ष को छोड़कर इस परीक्षा का परिणाम लगातार गिरता जा रहा है। पिछले वर्ष की परीक्षा में महज 11 फीसद अभ्यर्थी उत्तीर्ण हो सके थे, जबकि 89 फीसद अभ्यर्थी फेल हो गए थे। इसके पहले 2015 में सफलता का प्रतिशत महज 17 फीसद रहा है। इस परीक्षा में आवेदन की अर्हता एनसीटीई यानी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद तय करता रहा है। इस बार भी उसी के नियमों के तहत इम्तिहान होगा। आवेदन में उम्र सीमा का बंधन पहले भी नहीं रहा है और इस बार नहीं होगा, लेकिन वहीं अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे, जिन्होंने स्नातक आदि परीक्षाओं में तय अंक प्राप्त किए हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को 23 अगस्त तक विज्ञापन जारी करना था, लेकिन वह 22 अगस्त को ही जारी हो चुका है, अब 25 अगस्त से ऑनलाइन पंजीकरण और आवेदन का सिलसिला शुरू होगा।
सूत्रों के अनुसार इस बार भी प्रश्नपत्र आदि की गुणवत्ता पिछले वर्षो की तरह ही रहने के आसार हैं, ताकि समानता के अधिकार का हनन न होने पाए इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। सचिव डा. सुत्ता सिंह ने टीईटी 2017 का विस्तृत कार्यक्रम जारी किया है इसमें 15 अक्टूबर को प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए परीक्षा और 30 नवंबर को परीक्षा परिणाम जारी करने का लक्ष्य तय किया गया है।
टीईटी उत्तीर्ण शिक्षामित्रों के शिक्षक बनने के आसार
शीर्ष कोर्ट से जिन शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पर समायोजन रद हो चुका है, उनके सामने शिक्षक बनने में सबसे बड़ी बाधा शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी ही है, जो शिक्षामित्र इस परीक्षा में उत्तीर्ण होंगे उनके शिक्षक बनने के आसार प्रबल हो जाएंगे, क्योंकि सूबे की सरकार ने उन्हें पर्याप्त भारांक देने का आदेश दिया है। यह जरूर है कि जारी शासनादेश में यह स्पष्ट नहीं है कि भारांक का लाभ शिक्षामित्रों को कब से उनकी नियुक्ति से या फिर प्रशिक्षित शिक्षक बनने के बाद से मिलेगा। इसके बाद भी ढाई अंक प्रतिवर्ष का भारांक उनकी राह को आसान जरूर करेगा। वहीं, करीब 22 हजार शिक्षामित्र ऐसे हैं, जो पहले ही टीईटी उत्तीर्ण कर चुके हैं उन्हें दिसंबर में शिक्षक भर्ती निकलने का इंतजार है।