लखनऊ : सुविधा: अपने 28 साल पुराने रिकॉर्ड डिजिटाइज करेगा यूपी बोर्ड
लाइव हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ । यूपी बोर्ड अपने 28 साल के रिकॉर्ड डिजिटाइज करेगा। 1975 से 2002 तक हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने वाले करोड़ों छात्र-छात्राओं के दस्तावेज सालभर के अंदर डिजिटाइज करने के बाद इंटरनेट पर अपलोड कर दिए जाएंगे।
शासन से मिले निर्देश के अनुसार सारे रिकॉर्ड यूपी बोर्ड परिसर में ही स्कैन किए जाएंगे। 1975 और उसके बाद बोर्ड परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन का मामला आता है इसलिए 1975 तक के रिकॉर्ड को ही डिजिटाइज करने का निर्णय लिया गया है।
2003 और उसके बाद के सारे रिकॉर्ड यूपी बोर्ड की वेबसाइट upmsp.nic.in पर उपलब्ध हैँ लेकिन 2003 के पहले के पुराने रिकॉर्ड डिजिटल फार्म में नहीं है। रखरखाव के अभाव में दस्तावेजों के नष्ट होने का खतरा बना हुआ है।
*मूल रिकॉर्ड से नहीं हो सकेगी छेड़छाड़*
दस्तावेज डिजिटाइज होने के बाद उनके साथ छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी। रिकॉर्ड डिजिटाइज न होने के कारण ही इलाहाबाद क्षेत्रीय कार्यालय के बाबुओं ने पिछले साल वर्ष 1999 के दस्तावेजों को बदल दिया था। एलटी भर्ती के लिए मूल रिकार्ड बदलकर अभ्यर्थियों को मनमाना नंबर दे दिया था। इस प्रकरण की जांच अभी चल रही है लेकिन डिजिटाइज होने पर रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी।
यूपी बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने इस पर कहा कि 2003 से पहले 1975 तक के दस्तावेज डिजिटाइज करने का निर्देश शासन से मिला है। सालभर के अंदर यह काम पूरा होना है।