इलाहाबाद : मा. शिक्षा सेवा चयन बोर्ड व उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग विलय प्रकरण में 55 साल से कम उम्र के लोग नहीं होंगे सदस्य, शासन की समिति अब जल्द ही बैठक करके लगाएगी मुहर
इलाहाबाद : नए आयोग में 55 साल से कम उम्र वालों को सदस्य बनने का मौका नहीं मिलेगा, वहीं उनकी अधिकतम उम्र सीमा 65 वर्ष तय की जा रही है। ड्राफ्ट समिति ने संशोधित प्रस्ताव तैयार करके शासन को पिछले दिनों सौंप दिया है। अब उस पर जल्द ही शासन की समिति बैठक करके मुहर लगाएगी। उसके बाद सरकार नया आयोग गठित करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाएगी।
प्रदेश भर के अशासकीय माध्यमिक व महाविद्यालयों में प्राचार्य, प्रवक्ता व स्नातक शिक्षकों के चयन के लिए नया आयोग गठित होना है। यह आयोग माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र व उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग उप्र का विलय करके तैयार होगा। इसमें दोनों आयोगों की संपत्तियों, कार्यालय व अन्य स्टाफ का ही विलय होगा। नये आयोग में अध्यक्ष व सदस्य के रूप में नए लोगों को मौका दिया जाएगा। इसीलिए सारी मशक्कत इन पदों की अर्हता तय करने में की गई है। शासन ने इसके लिए ड्राफ्ट समिति का गठन किया था, उसने अध्यक्ष व सदस्यों की उम्र आदि के संबंध में पहले ही निर्णय ले लिया है। इसमें माध्यमिक कालेजों के प्रधानाचार्य व शिक्षकों को सदस्य के रूप में न रखने पर सहमति बन चुकी है। अब सदस्य महाविद्यालयों के प्राचार्य और वरिष्ठ प्रवक्ता ही बन सकेंगे इसमें नये लोगों को मौका नहीं दिया जाएगा, बल्कि वहीं सदस्य बनने के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिनकी उम्र कम से कम 55 वर्ष हो और 65 वर्ष से अधिक न हो। सदस्य का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। आयोग के कुल 12 सदस्यों में छह सदस्य शिक्षा विभाग व न्यायिक महकमे से रखने का प्रस्ताव किया गया है। इसमें संख्या घट व बढ़ सकती है, लेकिन कुल सदस्यों की संख्या 12 से अधिक नहीं होगी।1अध्यक्ष पांच वर्ष के लिए तैनात होगा, इस पद पर उसका ही चयन होगा जिसकी अर्हता कुलपति स्तर की होगी। अध्यक्ष भी 65 अधिक आयु का नहीं होगा। यह कदम इसलिए उठाए गए हैं ताकि नया आयोग पारदर्शी तरीके से शिक्षकों का चयन कर सके, अभी तक चयन आयोगों पर तरह-तरह के आरोप लग रहे हैं। यह भी उम्मीद है कि नये आयोग का ठिकाना चयन बोर्ड का विशाल भवन होगा, क्योंकि उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग अभी किराये के भवन में संचालित हो रहा है, जबकि चयन बोर्ड के भव्य भवन में कई वर्षो से कार्य हो रहा है। पिछले माह ड्राफ्ट कमेटी ने नये आयोग का प्रस्ताव सौंपा था, उसमें शासन की कमेटी ने कुछ संशोधन करने का निर्देश दिया था। ड्राफ्ट कमेटी ने नया संशोधित प्रस्ताव सौंप दिया है, अब शासन अगला कदम उठाएगा।’>>ड्रॉफ्ट कमेटी ने संशोधित प्रस्ताव सौंपा, अब गेंद शासन के पाले में1’>>मा. शिक्षा सेवा चयन बोर्ड व उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग विलय प्रकरण