इलाहाबाद : प्रदेश के राजकीय हाईस्कूल व इंटर कालेजों में रिक्त 9342 पदों पर परिषदीय स्कूलों के शिक्षक भले ही प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने हैं पर आयोग कराएगा परीक्षा, बदलेगी नियमावली
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश के राजकीय हाईस्कूल व इंटर कालेजों में रिक्त 9342 पदों पर परिषदीय स्कूलों के शिक्षक भले ही प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने हैं लेकिन, इन पदों पर नियमित भर्ती की भी तैयारियां तेज हो गई हैं। शिक्षा निदेशालय के पत्र पर उप्र लोकसेवा आयोग ने इस भर्ती की लिखित परीक्षा कराने की सहमति दे दी है। अब शासन एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती की नियमावली में जल्द ही बदलाव करेगा।
प्रदेश के राजकीय कालेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों के 9342 पद लंबे समय से रिक्त पड़े हैं। पिछले साल सभी मंडलों से रिपोर्ट मंगाने के बाद इन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी। पहले यह नियुक्ति मंडल स्तर पर मेरिट के आधार पर होती रही है लेकिन, शासन ने नियमावली में बदलाव करके राज्य स्तर पर नियुक्ति मेरिट पर करने का आदेश जारी किया था। माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक की अगुआई में चयन कमेटी का भी गठन हुआ। दिसंबर से जनवरी माह में इसके लिए ऑनलाइन आवेदन भी लिए गए। करीब छह लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने दावेदारी की है। नियुक्ति होने से पहले ही भाजपा सरकार में यह प्रक्रिया जहां की तहां रुक गई। इसी बीच तमाम प्रतियोगियों ने भर्ती लिखित परीक्षा से कराने का अनुरोध किया। भाजपा सरकार ने इसके लिए लिखित परीक्षा कराने की सैद्धांतिक सहमति दे दी थी।
शिक्षा निदेशालय से पिछले माह उप्र लोकसेवा आयोग को यह भर्ती कराने के लिए पत्र भेजा गया। शासन की पहल के बाद आयोग एलटी ग्रेड शिक्षकों का इम्तिहान कराने के लिए तैयार हो गया है। अब शासन दो बदलाव करेगा। पहला आयोग की नियमावली में ताकि वह परीक्षा आसानी से करा सके। असल में अब तक आयोग जो परीक्षाएं कराता है उसका ग्रेड-पे एलटी ग्रेड शिक्षकों से अधिक होता है।
इसलिए नियम बदलना जरूरी है साथ ही यह शिक्षक भर्ती लिखित परीक्षा से हो, इसके लिए भर्ती की नियमावली में बदलाव करना जरूरी है। यह दोनों कार्य शासन जल्द ही पूरा करेगा। हाईकोर्ट में इस भर्ती को लेकर पिछले दिनों सुनवाई हुई, वहां विभागीय अफसरों ने इस संबंध में हलफनामा भी सौंपा है। जिसमें कहा गया है कि आयोग इसकी परीक्षा कराएगा और नियमावली में बदलाव भी होगा। संभव है कि अगले माह तक इस भर्ती की प्रक्रिया आयोग से आगे बढ़ेगी।’