कानपुर : भगवा टोपी लगा कर शिक्षामित्रों ने किया प्रदर्शन, बीएसए ऑफिस से निकाला मार्च
कानपुर । भगवा टोपी लगा कर शिक्षामित्रों ने किया प्रदर्शनताली बजा कर सरकार को जगाने का किया कामबीएसए ऑफिस से निकाला मार्च
कानपुरः सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द करने के बाद शिक्षामित्रों का आन्दोलन थमने का नाम नहीं ले रहा हैl प्रदेश सरकार से वार्ता विफल होने के बाद शिक्षामित्रों का आन्दोलन दोबारा शुरू हो गया है। इसी कड़ी में कानपुर में शुक्रवार को शिक्षामित्रों ने जबरदस्कात प्रदर्शन कर हुंकार भरी। बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एकत्र होकर सुप्रीम कोर्ट के समायोजन निरस्त करने के आदेश के बाद कई चरणों में मुख्यमंत्री और इपर सचिव की प्रदेश संगठनों से वार्ता विफल होने के बाद अपना आंदोलन तेज कर दिया है।
बीएसए ऑफिस से निकाला मार्च
शुक्रवार को कानपुर नगर के सभी शिक्षामित्रों ने बीएसए कार्यालय में सत्याग्रह आंदोलन किया। इस दौरान आंदोलनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित अपना मांग पत्र बीएसए को सौंपा। इस दौरान बीएसएस कैंपस में पहुंचे शिक्षामित्रों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में गेट बंद करा दिए। गेट बंद करने के बाद आक्रोशित शिक्षामित्रों ने नारेबाजी करते हुए जबरन गेट खोलकर मार्च निकाला। टकराव न हो इसलिए प्रशासन ने अाक्रोशित शिक्षामित्रों को मार्च निकालने से नहीं रोका।
मार्च में बड़ी संख्या में मौजूद शिक्षामित्रों ने हुंकार भरते हुए केंद्र अौर प्रशासन के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की। आंदोलन के दौरान संगठन के पदाधिकारी दुष्यंत सिंह, त्रिभुवन सिंह, जितेंद्र सिंह, विजय कुमार, मनोज सिंह, धु्व जायसवाल, मुलायम सिंह, विवेक मिश्रा, मनीष श्रीवास्तव, विनीत दीक्षित, राघवेंद्र सिंह, आलोक उत्तम, नीरज शुक्ला, हरिओम भदौरिया, सुधारी द्विवेदी, चंद्रप्रकाश, अर्चना तिवारी, रेनू भट्ट, रीमा शुक्ला समित हजारों शिक्षामित्रों ने अपनी मांगे बुलंद कीं।
शिक्षा मित्रों की प्रमुख मांगे
1-अध्यादेश लाकर 17, 2000 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाया जाए।
2-सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुर्नविचार याचिका शीघ्र दाखिल करे।
3- सरकारी कानून बनाकर सम्मान जनक वेतन प्रदान करें।
4- इच्छामृत्यु मंजूर है, लेकिन शिक्षामित्र पद मंजूर नहीं है।
न्यूज़ सोर्स: NYOOOZ HINDI