एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर बहराइच श्रावस्ती मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

इलाहाबाद : माध्यमिक कालेजों के प्रधानाचार्य और शिक्षकों को अब नो इंट्री

0 comments

इलाहाबाद : माध्यमिक कालेजों के प्रधानाचार्य और शिक्षकों को अब नो इंट्री

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : अशासकीय कालेजों की शिक्षक भर्ती के लिए गठित होने वाले नए आयोग में माध्यमिक कालेजों के प्रधानाचार्य व शिक्षकों को सदस्य के रूप में तैनाती नहीं मिल सकेगी। प्रस्तावित आयोग के बारह सदस्य महाविद्यालय और शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त अफसर ही हो सकते हैं। आयोग अध्यक्ष व सदस्यों के कार्यकाल व उनकी अंतिम अर्हता को लेकर ऊहापोह बना है। प्रारूप समिति की सिफारिशों पर दो अगस्त को शासन स्तरीय समिति विचार करेगी, उसी में फैसला होने के आसार हैं। 1प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालय और माध्यमिक कालेजों के लिए प्राचार्य व शिक्षकों के चयन के लिए नया भर्ती आयोग गठित होना है। पहले चरण में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग उप्र और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र का विलय करने का प्रारूप तैयार हो गया है। प्रारूप समिति ने सोमवार को नए आयोग का ड्राफ्ट बनाने की सिफारिशें शासन को सौंप दिया है। अब शासन स्तर पर विशेष सचिव संध्या तिवारी की अगुवाई में बनी समिति दो अगस्त को बैठक करके चर्चा करेगी। 1बीते शनिवार को प्रारूप समिति की बैठक इलाहाबाद में चयन बोर्ड कार्यालय में हुई थी। इसमें समिति के सदस्य नये आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों के कार्यकाल व उनकी अर्हता को लेकर माथापच्ची करते रहे। इसमें यह सैद्धांतिक सहमति बनी कि जब महाविद्यालय के प्राचार्य और प्रवक्ताओं तक का चयन करना है तो उसमें कम से कम इंटरमीडिएट कालेजों के प्रधानाचार्य और शिक्षकों को सदस्य के रूप में न रखा जाए, क्योंकि ऐसा होने पर वह उच्च शैक्षिक संस्थानों के चयन में प्रतिभाग नहीं कर सकेंगे और यह बात अभ्यर्थियों तक प्रचारित भी हो जाएगी, इससे चयन की शुचिता प्रभावित होने से इन्कार नहीं किया जा सकता। इस बात पर पूरी समिति सहमत दिखी। 1इससे चयन बोर्ड के सदस्यों को नये आयोग में मौका मिलने के आसार नहीं है, क्योंकि दो सदस्य व सेवानिवृत्त अफसरों को छोड़कर अधिकांश माध्यमिक कालेजों से ही हैं। शासन ने नये आयोग में एक अध्यक्ष व 12 सदस्य होने का प्रावधान किया है। इसमें भी यह जरूरी नहीं है कि छह-छह सदस्य दोनों आयोगों से ही होंगे, यह संख्या कम अधिक भी हो सकती है। 1साथ ही इसके लिए नए सिरे से आवेदन लिए जाने की तैयारी है। दो अगस्त को होने वाली प्रस्तावित बैठक में नए आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों के कार्यकाल के साथ ही अन्य मुद्दों पर मुहर लगेगी। इसके अलावा दोनों आयोगों की संपत्ति, अभिलेख, वहां तैनात कर्मचारी का एक छतरी के नीचे काम करना तय है।राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : अशासकीय कालेजों की शिक्षक भर्ती के लिए गठित होने वाले नए आयोग में माध्यमिक कालेजों के प्रधानाचार्य व शिक्षकों को सदस्य के रूप में तैनाती नहीं मिल सकेगी। प्रस्तावित आयोग के बारह सदस्य महाविद्यालय और शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त अफसर ही हो सकते हैं। आयोग अध्यक्ष व सदस्यों के कार्यकाल व उनकी अंतिम अर्हता को लेकर ऊहापोह बना है। प्रारूप समिति की सिफारिशों पर दो अगस्त को शासन स्तरीय समिति विचार करेगी, उसी में फैसला होने के आसार हैं। 1प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालय और माध्यमिक कालेजों के लिए प्राचार्य व शिक्षकों के चयन के लिए नया भर्ती आयोग गठित होना है। पहले चरण में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग उप्र और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र का विलय करने का प्रारूप तैयार हो गया है। प्रारूप समिति ने सोमवार को नए आयोग का ड्राफ्ट बनाने की सिफारिशें शासन को सौंप दिया है। अब शासन स्तर पर विशेष सचिव संध्या तिवारी की अगुवाई में बनी समिति दो अगस्त को बैठक करके चर्चा करेगी। 1बीते शनिवार को प्रारूप समिति की बैठक इलाहाबाद में चयन बोर्ड कार्यालय में हुई थी। इसमें समिति के सदस्य नये आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों के कार्यकाल व उनकी अर्हता को लेकर माथापच्ची करते रहे। इसमें यह सैद्धांतिक सहमति बनी कि जब महाविद्यालय के प्राचार्य और प्रवक्ताओं तक का चयन करना है तो उसमें कम से कम इंटरमीडिएट कालेजों के प्रधानाचार्य और शिक्षकों को सदस्य के रूप में न रखा जाए, क्योंकि ऐसा होने पर वह उच्च शैक्षिक संस्थानों के चयन में प्रतिभाग नहीं कर सकेंगे और यह बात अभ्यर्थियों तक प्रचारित भी हो जाएगी, इससे चयन की शुचिता प्रभावित होने से इन्कार नहीं किया जा सकता। इस बात पर पूरी समिति सहमत दिखी। 1इससे चयन बोर्ड के सदस्यों को नये आयोग में मौका मिलने के आसार नहीं है, क्योंकि दो सदस्य व सेवानिवृत्त अफसरों को छोड़कर अधिकांश माध्यमिक कालेजों से ही हैं। शासन ने नये आयोग में एक अध्यक्ष व 12 सदस्य होने का प्रावधान किया है। इसमें भी यह जरूरी नहीं है कि छह-छह सदस्य दोनों आयोगों से ही होंगे, यह संख्या कम अधिक भी हो सकती है। 1साथ ही इसके लिए नए सिरे से आवेदन लिए जाने की तै

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।