लखनऊ : प्रदेश की समाज कल्याण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कल्याण राज्यमंत्री गुलाब देवी ने आश्रम पद्धति विद्यालयों, एकलब्य माडल विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं में सुधार के निर्देश दिए
विशेष संवाददाता-राज्य मुख्यालय । प्रदेश की समाज कल्याण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कल्याण राज्यमंत्री गुलाब देवी ने आश्रम पद्धति विद्यालयों, एकलब्य माडल विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं में सुधार के निर्देश दिए हैं। बुधवार को विभागीय कामकाज की समीक्षा करते हुए उन्होंने इन विद्यालयों के भवनों की साज-सज्जा, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब, छात्रों के भोजन, पाठ्य पुस्तक, शुद्ध पेयजल व स्वच्छता और सुरक्षा के अतिरिक्त खेलकूद, ड्रेस और आकस्मिक चिकित्सा की समुचित व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि अभी तक मात्र दो विद्यालयों को सीबीएसई से मान्यता प्राप्त हुई है। शेष विद्यालयों के आपत्तियों का निराकरण कर बोर्ड से शीघ्र मान्यता प्राप्त करने के उन्होंने निर्देश दिए। गुलाब देवी ने जनजाति विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा यूपी सिडको गोमतीनगर के सभागार में की। उन्होंने बहराइच के नवनिर्मित एकलब्य माडल विद्यालय को इसी सत्र से कक्षाएं चलाने के निर्देश दिए। सोनभद्र में निर्माणाधीन एकलव्य माडल विद्यालय का कार्य पूर्ण करने और ललितपुर में प्रस्तावित एकलव्य माडल विद्यालय का कार्य प्रारम्भ करने के लिए कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिए। उन्होंने शासन स्तर से निर्गत बजट को तत्काल संबंधित जिलों को आवंटित करते हुए अवशेष बजट की मांग के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश भी दिए।उन्होंने मुख्यालय व जिले के खाली पदों पर भर्ती के लिए अधियाचन भेजने, कर्मचारियों के एसीपी व प्रोन्नति करने और सेवा नियमावली की विसंगतियों को भी दूर कर शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कार्मिकों की सेवा नियमावली के प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिए। एकीकृत योजना, वोकेशनल ट्रेनिंग व कंप्यूटर प्रशिक्षण के प्रस्ताव शासन को भेजने के भी निर्देश दिए। जनजाति विकास निदेशक केदारनाथ ने कहा कि राज्यमंत्री द्वारा जो भी निर्देश दिए गए हैं उनका पालन अवश्य कराया जाएगा। समीक्षा के दौरान उप निदेशक, जनजाति विकास, श्री आरपी सिंह, सहायक निदेशक जनजाति विकास सुश्री प्रियंका वर्मा और प्रदेश के जनजाति बाहुल्य 19 जनपदों के मण्डलीय उप निदेशक व जिला समाज कल्याण अधिकारी, एकलब्य माडल विद्यालय, आश्रम पद्धति विद्यालयों के प्रधानाचार्य व अधीक्षक उपस्थित थे।