इलाहाबाद : नई पेंशन नीति खत्म करे सरकार, नहीं तो संघर्ष को हैं तैयार
हिन्दुस्तान टीम, इलाहाबाद । ऑल इंडिया ऑडिट एंड एकाउंट एसोसिएशन की विज्ञान परिषद में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन शुक्रवार को संगठन के महासचिव एमएस राजा ने 7वें वेतन आयोग की विसंगतियों और नई पेंशन नीति को समाप्त करने की मांग की। साथ ही कर्मचारियों को संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार एवं विश्लेषक उर्मिलेश ने वर्तमान सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों पर चिंता व्यक्त की। कहा कि सरकार ने कारपोरेट घरानों के बढ़ते दबदबे एवं उससे होने वाले परिणामों के प्रति सचेत रहने की अपील करते हुए उपस्थित लोगों को संघर्ष के लिए तैयार रहने को कहा। सेवानिवृत्त कर्मचारी नेता सुभाष चन्द्र पांडेय ने पुरानी पेंशन नीति को बहाल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि एक जनवरी 2004 के बाद केंद्र सरकार की नौकरियों में आने वाले क्लास फोर से लेकर आईए एंड एएस तक के कर्मचारियों, अधिकारियों को नई पेंशन नीति के कारण रिटायर होने के बाद उनके जीवन यापन की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। श्री पांडेय ने कहा कि 2004 के बाद फंड के नाम पर जो कटौती हो रही, सरकार उसे शेयर मार्केट में लगाने का मन बना चुकी है। शेयर मार्केट की क्या स्थिति है आज सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को पता है। एसोसिएशन के अध्यक्ष तापस बोस ने बैठक में हुई वैचारिक चर्चा को आगे बढ़ाने एवं कोलकाता, केरल, हैदराबाद और इलाहाबाद की यूनिटों की सुदृढ़ता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संघर्ष के बिना कुछ नहीं मिलता और वर्तमान सरकार कर्मचारियों को जो कुछ भी मिला है उसे छीन लेना चाहती है। कर्मचारी नेता प्रमोद मिश्र ने भी कर्मचारियों से संघर्ष के लिए तैयार रहने की अपील की। बैठक में पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह, हरिश्चन्द्र द्विवेदी, सुब्रतो बनर्जी, आशीष श्रीवास्तव, प्रमोद, मयंक मिश्र आदि मौजूद थे।