अंबेडकरनगर : आइए आपको आज बेसिक शिक्षा विभाग के सुधरने के दूसरे पहलू से परिचित कराते हैं। परिषदीय विद्यालयों की दशा और दिशा को देकर हर कोई दंग हो जाएगा। बात हो रही है टांडा नगर क्षेत्र के परिषदीय विद्यालय अहाता और छज्जापुर की। अहाता प्राथमिक विद्यालय में गुरुजी और छात्रों का पता नहीं था। हालांकि बरामदे में यहां मोटरसाइकिलों की मरम्मत का वर्कशॉप खुला था। वहीं दूसरी ओर छज्जापुर प्राथमिक विद्यालय में ताला बंद और बच्चों संग गुरूजी गायब रहे। खास बात है कि विद्यालय परिसर में खंड शिक्षा अधिकारी और एनपीआरसी कार्यालय भी है। यहां भी ताला बंद था और परिचारक मौजूद थे।
बेसिक शिक्षा विभाग की बदहाल सूरत को संवारने के लिए शासन और प्रशासन से लेकर बेसिक शिक्षा विभाग की लाख कोशिशों को शिक्षक पलीता लगाने पर तुले हैं। नियमों और अनुशासन की धज्जियां उड़ाने के बाद भी विभाग इनपर नकेल कसने में नाकाम है। हालात के बदतर होने का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अधिकारियों के आंख के सामने मनमानी करने से शिक्षक गुरेज नहीं कर रहे हैं। गुरुवार को जागरण टीम ने यहां पड़ताल की तो प्राथमिक विद्यालय छज्जापुर में दोपहर के करीब 12 बजकर 20 मिनट पर ताला बंद मिला। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में दो परिचायक मौजूद थे। वहीं ब्लॉक संसाधन केंद्र पर ताला लटक रहा था। परिचारकों ने बताया कि यहां शिक्षामित्र ही समायोजित होने के बाद सहायक अध्यापक पद पर तैनात थे। हालांकि सुबह डयूटी पर आए थे। जिला मुख्यालय पर धरना होने के नाते विद्यालय में जल्दी छुट्टी कर चले गए। खास बात है कि खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय परिसर में ही मनमाने तौर पर विद्यालय बंद किए जाने से शिक्षकों की मनमानी दिखी तो ब्लॉक संसाधन केंद्र पर भी ताला बंद होना विभागीय अधिकारियों की उदासीनता को बयां करने के लिए काफी है। इससे आगे बढ़ने पर दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर प्राथमिक विद्यालय अहाता पर भी सन्नाटा पसरा दिखा। चारदिवारी विहीन उक्त विद्यालय के बरामदे में दो युवक कुर्सी डाले बैठे थे जबकि स्कूल के कमरों में ताला बंद था। निकट पहुंचने पर पता चला कि छात्रों संग गुरूजी भी गायब हैं। विद्यालय के बरामदे में तीन मोटरसाइकिलें खड़ी थीं। एक बाइक पर मिस्त्री औजारों के साथ मरम्मत में जुटा था। कैमरे के चमकने पर वह सजग तो हुआ लेकिन मरम्मत में जुटा रहा।
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निर्धारित अवधि से पहले विद्यालय को किसी भी दशा में बंद नहीं किया जा सकता है। साथ ही विद्यालय परिसर का शिक्षा से इतर इस्तेमाल किए जाने की अनुमति नहीं दी जाती है। ऐसा किया जाना मनमानी और अनुशासनहीनता है। इसे संज्ञान में लेकर जिम्मेदारों से जवाब लिया जाएगा। मामला बेहद गंभीर है। दोषियों पर अनिवार्य तौर पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
अतुल कुमार ¨सह
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
अंबेडकरनगर