इलाहाबाद : असमंजस में अभिभावक संकट में छात्रों का भविष्य
इलाहाबाद : फाफामऊ स्थित रुद्र प्रयाग विद्या मंदिर के कक्षा नौ से 12 तक के छात्रों के भविष्य पर संकट गहरा गया है और अभिभावक असमंजस में हैं। आसपास के स्कूलों में एडमीशन के लिए वे भागदौड़ कर रहे हैं। रुद्र प्रयाग विद्या मंदिर के प्रिंसिपल द्वारा छात्रों की क्रूरता से पिटाई के मामले में उनके खिलाफ एफआइआर ने ऐसा तूल पकड़ा कि प्रशासन की तरफ से इस विद्यालय की नौ से लेकर 12वीं तक की कक्षाएं सील कर दी गईं। छात्रों के अभिभावक आसपास के विद्यालयों में जा रहे हैं। उन विद्यालयों के प्रिंसिपल पहले टेस्ट लेने की बात कह रहे हैं। यह भी कि कोर्स काफी पढ़ा दिया गया है, ऐसे में वे दूसरे स्कूल के बच्चों का एडमीशन लेंगे तो उनके विद्यालय का रिजल्ट खराब हो सकता है। इस स्थित से अभिभावकों के सामने संकट खड़ा हो गया है। रुद्र प्रयाग विद्या मंदिर के कक्षा 11 के छात्र हर्ष गुप्ता के अभिभावक असमंजस में है। उनका कहना है कि उन्हें तो यही नहीं पता था कि विद्यालय सील हुआ है। विद्यालय की तरफ से यही बताया गया था कि रेगुलर क्लास चलेगी। अभी डिस्कस कर रहे हैं। वहीं कक्षा नौ की छात्र अनुष्का उपाध्याय के पिता अपनी बेटी के एडमीशन के लिए एमवीवीएम गंगागुरुकुलम से फार्म लाए हैं। एडमीशन टेस्ट होगा। प्रिंसिपल ने दो शर्ते रखी हैं, पहला तो प्रवेश परीक्षा में छात्र पास हो और पास होने पर कोर्स पिछड़ गया, उसे समय से पूरा करे। वहीं कक्षा 11 के छात्र अखिलेश उपाध्याय और हिमांशु सिंह के अभिभावक शिवगंगा स्कूल के चक्कर लगा रहे हैं। हिमांशु के पिता एसपी सिंह कहते हैं, प्रिंसिपल एडमीशन के लिए तैयार हैं। दोबारा पैसा देना पड़ेगा, बच्चे के भविष्य के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। वहीं रुद्र प्रयाग विद्यालय के कक्षा 11 के छात्र संजय के भाई अभिषेक कुमार का कहना था कि जब से बच्चों की पिटाई का मामला आया, उनका भाई स्कूल नहीं जा रहा है। मैसेज आया था कि स्कूल बंद चल रहा है। स्कूल की एक मैडम ने कहा है कि कुछ दिन तक वेट करिए, सब कुछ ठीक हो जाएगा। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। 25 हजार पहले रुद्र प्रयाग में दिया, अब नई जगह जाने पर अलग से फीस देनी पड़ेगी। वहीं कई छात्रों के अभिभावक रुद्र प्रयाग विद्यालय से अपना पैसा वापस लेना चाहते हैं, मगर उन्हें वहां कोई जवाब देना नहीं मिल रहा है। उनका कहना है कि उन्हें सबक मिल गया है, बच्चों का एडमीशन करा लेने से पहले यह जान लेना अति आवश्यक है कि स्कूल की मान्यता है या नहीं।