इलाहाबाद : चयन बोर्ड अध्यक्ष हीरालाल गुप्ता देंगे त्यागपत्र, पद पर रहने के डेढ़ साल पूरा होने के पहले ही करेंगे किनारा
धर्मेश अवस्थी, इलाहाबाद । माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष हीरालाल गुप्ता त्यागपत्र देने की तैयारी में लगे हैं। चयन बोर्ड से लेकर उनके आवास तक में सामान पैक होने का सिलसिला शुरू हो गया है। वह अब तक तमाम विरोध के बाद भी 2011 प्रवक्ता व स्नातक शिक्षकों का लगातार रिजल्ट जारी कर रहे थे लेकिन, चयन बोर्ड का विलय करने पर सरकार से अड़ जाने से वह हटाए जाने की घोषणा से पहले ही विदा लेने की दिशा में बढ़ गए हैं। उनका इस्तीफा सात से दस अगस्त के बीच संभावित है।
रिटायर्ड आइएएस अधिकारी हीरालाल गुप्ता बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्त होने के बाद उनका चयन पिछले साल माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र इलाहाबाद अध्यक्ष के रूप में हुआ। उन्होंने 27 फरवरी, 2016 को कार्यभार ग्रहण किया। उन दिनों चयन बोर्ड में विशेष ‘काकस’ का बोलबाला था। साथ ही कुछ सदस्य उनकी नियुक्ति तक का गुपचुप विरोध कर रहे थे। ऐसे में चयन बोर्ड को पटरी पर लाने में उन्हें मुश्किलें भी उठानी पड़ीं। चयन बोर्ड अध्यक्ष के रूप में गुप्ता ने न केवल कार्य संस्कृति में किया, बल्कि प्रतियोगियों की शिकायतों पर भी ध्यान दिया गया।
ऑनलाइन आवेदन, ओएमआर शीट का मिलान कराकर रिजल्ट देना और कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे के साथ ही जैमर आदि का प्रयोग हुआ। यही नहीं साक्षात्कार बोर्ड में कंप्यूटर के जरिये आवंटन की प्रक्रिया शुरू की गई। निरंतर तेजी से काम करने की वजह से ही पिछले एक साल में अशासकीय माध्यमिक कॉलेजों के लिए करीब सात हजार से अधिक प्रवक्ता व स्नातक शिक्षकों का चयन किया। ज्ञात हो कि इसके पहले 2010 से 2016 तक महज 1400 शिक्षकों का चयन जैसे-तैसे हो सका था।
सूबे में सरकार बदलने के बाद तमाम प्रतियोगियों ने चयन में धांधली की शिकायतें की। लिहाजा बड़े अफसर उनसे पद छोड़ने को कह रहे थे, यह बातें कई बार छनकर बाहर आ चुकी थी। 23 मार्च को तत्कालीन प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा के निर्देश पर यहां पर भी चयन प्रक्रिया रोक दी गई थी। यह प्रकरण हाईकोर्ट पहुंचा, वहां प्रमुख सचिव ने हलफनामा दिया कि उन्होंने कोई कार्य नहीं रोका है। इसके बाद 2013 के छह विषयों के लंबित परिणाम ताबड़तोड़ जारी कर दिए गए। यहीं से चयन बोर्ड और शासन का टकराव शुरू हुआ।
इसके बाद चयन बोर्ड व उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के विलय की दिशा में सरकार बढ़ चली। सूत्रों का कहना है कि चयन बोर्ड अध्यक्ष विलय के कदम से नाखुश हैं और यहां से विदाई होने से पहले ही वह पद छोड़कर अलग होने की दिशा में बढ़ चले हैं।
✔ अगले सप्ताह बोर्ड अध्यक्ष पद छोड़ने की अंदरखाने तैयारियां शुरू
✔ पद पर रहने के डेढ़ साल पूरा होने के पहले ही करेंगे किनारा
विलय के लिए बैठक आज
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग उप्र विलय का ड्राफ्ट शासन को सौंपा जा चुका है। विशेष सचिव संध्या तिवारी की अगुआई में बनी कमेटी बुधवार को ड्राफ्ट पर मंथन करेगी। उम्मीद है कि अगस्त माह में ही नया आयोग अमल में आएगा।