सहारनपुर : समायोजित शिक्षा मित्रों को लेकर कोर्ट की ओर से आए फैसले के बाद से शिक्षा मित्र आंदोलन की राह पर बेसिक स्कूलों में प्रभावित हो रही पढ़ाई,
सहारनपुर। समायोजित शिक्षा मित्रों को लेकर कोर्ट की ओर से आए फैसले के बाद से शिक्षा मित्र आंदोलन की राह पर हैं। विभाग की ओर से कोई स्पष्ट दिशा निर्देश न मिलने की वजह से प्रधान अध्यापक असमंजस में हैं। वह यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि अवकाश पर रहने वाले शिक्षा मित्र का अवकाश दर्ज करना है या नहीं। शिक्षा मित्रों के अचानक कई-कई दिन अवकाश पर रहने से बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है।
जनपद में 1800 से अधिक शिक्षा मित्र हैं। उनके समायोजन को लेकर कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय के बाद से वह आंदोलन कर रहे हैं। कोर्ट के निर्णय के तुरंत बाद से वह बिना अवकाश के छुट्टी पर रहे और आंदोलन चलाया। इसके बाद मुख्यमंत्री की अपील के बाद उन्होंने फिर से स्कूल ज्वाइन किए और शिक्षण कार्य को आगे बढ़ाया। 21 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहारनपुर पहुंचने की सूचना मिलते ही शिक्षा मित्रों ने पुन: आंदोलन शुरू किया। मुख्यमंत्री के जनपद में पहुंचने के दिन भी शिक्षा मित्र उनसे मिलने के लिए अवकाश पर रहे। प्रधान अध्यापकों का कहना है कि आंदोलन कर रहे शिक्षा मित्र बिना अनुमति के जब चाहे छुट्टी ले रहे हैं। विभाग की ओर से कोई दिशा निर्देश शिक्षा मित्रों को लेकर जारी नहीं किए गए हैं। इसे लेकर प्रधान अध्यापक असमंजस की स्थिति में हैं। वह समझ नहीं पा रहे हैं कि उपस्थिति रजिस्टर में शिक्षा मित्रों का अवकाश दर्ज करें या नहीं। इसे लेकर कई स्कूलों में प्रधान अध्यापक और शिक्षा मित्रों के बीच टकराव की स्थिति भी है। उधर, शिक्षा मित्र संगठन की जिलाध्यक्ष अंजू कश्यप का कहना है कि यह प्रदेशव्यापी आंदोलन है, जिसके लिए अवकाश लेने की जरूरत नहीं है। यह सामूहिक अवकाश के रूप में दर्ज किया जाएगा।