एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर श्रावस्ती बहराइच मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

इन सास-बहुओं में होती है पढ़ाई की लड़ाई, दोनों ने यह तय कर लिया है कि हर हाल में उन्हें बनना है साक्षर

0 comments

इन सास-बहुओं में होती है पढ़ाई की लड़ाई, दोनों ने यह तय कर लिया है कि हर हाल में उन्हें बनना है साक्षर

बृजेश पांडेय’काशीपुर । काशीपुर की 80 वर्षीय दीपा और उनकी बहू चमनू की कहानी अब तक पेश की जाती रही इस रिश्ते की छवि से बिल्कुल जुदा है। लड़ाई यहां भी दोनों के बीच कांटे की है, लेकिन संपत्ति या चौका-बरतन की नहीं, बल्कि पढ़ाई की। दोनों ने यह तय कर लिया है कि हर हाल में उन्हें साक्षर बनना है।

कहानी दिलचस्प है। काशीपुर कस्बे की रहने वाली दीपा पत्नी स्व. आसाराम उम्र के आठवें दशक में प्रवेश कर चुकी हैं। परिवार में तीन बेटे रामकिशुन, दुष्यंत, मनोरी और एक बेटी अनीता है। सबसे बड़े बेटे रामकिशन की शादी चमनू के साथ हुई है, जबकि दुष्यंत की कंचन और मनोरी की शांति के साथ। बेटी अनीता की अभी शादी नहीं हुई है। दीपा समेत परिवार में किसी ने कभी भी स्कूल का मुंह नहीं देखा था, लिहाजा उन्हें अक्षर का ज्ञान भी नहीं था। करीब दो माह पूर्व दीपा अपनी बड़ी बहू चमनू का खाता खुलवाने के लिए बैंक गईं। वहां दस्तावेजों पर चमनू दस्तखत की बजाय अंगूठा लगा रही थी। चमनू को अंगूठा लगाते देख आसपास खड़े कुछ लोगों ने उस पर तंज कसते हुए कहा कि आज के जमाने में जिस बहू को दस्तखत करना भी नहीं आता, उस घर का क्या होगा? दीपा को यह बात चुभ गई। घर पहुंचते ही उसने तय किया कि बहू को साक्षर बनाना है। उसने बहू के सामने अगले दिन गांव में साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत चल रहे लोक शिक्षा केंद्र में दाखिला कराने का प्रस्ताव रखा। बहू ने प्रस्ताव को यह कहकर खारिज कर दिया कि यह उसके बस की बात नहीं। उसने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा।

दीपा ने उसका हौसला बढ़ाने के लिए अगले दिन खुद ही लोक शिक्षा केंद्र में अपना दाखिला करा लिया। शुरू में तो बहू ने उसका मजाक उड़ाया, लेकिन कुछ ही दिन बाद जब 80 साल की दीपा को उसने अपना नाम, पता लिखते देखा तो साक्षर बनने के लिए उसके अंदर भी इच्छा हिलोरें मारने लगी। उसने सास से लोक शिक्षा केंद्र में अपना भी दाखिला कराने का आग्रह किया। दीपा ने बहू का भी दाखिला करा दिया। फिर दोनों साथ में पढ़ाई करने लगीं। कुछ दिन तक सास-बहू को वहां पढ़ता देख दीपा की दो अन्य बहुओं एवं दीपा की पुत्री अनीता में भी शिक्षित होने की ललक जाग उठी। उन्होंने भी अपना दाखिला करा लिया। अब शुरू हो गई सास-बहू, ननद-भाभी और देवरानी-जेठानी के बीच पढ़ाई की लड़ाई। लड़ाई आपस में सर्वाधिक नंबर लाने की। पांचों ने साथ ही करीब दो माह तक पढ़ाई की।

शिक्षा का मूल्य समझती हूं, मगर निरक्षर होने के कारण बच्चों को नहीं पढ़ा सकी। पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती है, इसलिए लोक शिक्षा केंद्र में अपना, सभी बहुओं का और बेटी का पंजीयन कराया। अब हम पांचों को लिखने-पढ़ने में कोई असुविधा नहीं होती। 1दीपा, धनौरी पट्टी, काशीपुर 1सरोकार की अन्य खबरें पढ़ें।’काशीपुर की 80 साल की दीपा को ताने के बाद अपनी निरक्षर बहुओं को साक्षर बनाने की लगी धुन 1’सास-बहू, देवरानी-जेठानी और ननद एक ही जगह सीख रहीं ककहराऊधमसिंह नगर के काशीपुर कस्बे से सटे धनौरी पट्टी में लोक शिक्षा केंद्र में परीक्षा देती 80 वर्षीय दीपा और उसकी बहू चमनू।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।