इलाहाबाद : शिक्षा निदेशालय पर टीईटी बेरोजगारों का अनशन शुरू, शिक्षा नियमावली में परिवर्तन कर भरे जाएं शिक्षकों के खाली पद
🌕 *शिक्षा निदेशालय पर शुरू हुए आमरण अनशन में टीईटी बेरोजगार ने की मांग*
🔴 *आंदोलन को नजरअंदाज करने पर सरकार को गंभीर परिणाम की चेतावनी*
अमर उजाला ब्यूरो,.इलाहाबाद। माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा छह से आठ तक के खाली एक लाख से ज्यादा शिक्षक पदों पर भर्ती समेत चार सूत्रीय मांगों को लेकर बीएड टीईटी प्राथमिक बेरोजगार संघ के तत्वावधान में सोमवार को शिक्षा निदेशालय पर आमरण अनशन शुरू हुआ। इसमें इलाहाबाद समेत अन्य जिलों से भी बेरोजगार शामिल हुए। इस दौरान बेसिक शिक्षा नियमावली में परिवर्तन कर प्रदेश सरकार के वादे के अनुरूप खाली पदों पर भर्ती करने की घोषणा होने तक अनशन जारी रखने का निर्णय लिया गया।
अनशन पर बैठे संघ के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आरटीई एक्ट एवं एनसीटीई के प्रावधानों को लागू करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है, तब क्यों इसके अनुरूप 1-8 तक खाली तीन लाख से ज्यादा पदों पर शिक्षक भर्ती नहीं की जा रही है। बीएड उत्थान जन मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं संघ के संरक्षक अनिल सिंह ने कहा कि चार जून को इलाहाबाद आए मुख्यमंत्री ने संगठन के प्रतिनिधिमंडल को जो आश्वासन दिया दिया था, उसे पूरा करने के बजाए सरकार ने जानबूझकर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया ठप कर दी है। सीएम ने राजकीय विद्यालयों की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा कराने का भी आश्वासन दिया था परंतु कैबिनेट ने प्रतिनियुक्ति पर रखने का फैसला लेकर रोजगार संकट से जूझ रहे युवाओं के घावों पर नमक छिड़कने का काम किया है।
इविवि के छात्रनेता राजेश सचान ने कहा कि चुनाव के दौरान सभी खाली पदों पर 90 दिन में भर्ती शुरू करने के वादे को पूरा करने के बजाए योगी सरकार बेरोजगारों के आंदोलन के दमन पर आमादा है। मैनपुरी से आए संघ के प्रदेश प्रवक्ता हरेंद्र सिंह ने सरकार को चेतावनी दी कि इस आंदोलन को नजरअंदाज किया गया को गंभीर परिणाम होंगे। इसमें प्रदेश महामंत्री उदय सिंह लोधी, अनुराग शर्मा, संगीता पाल, कमलेश कुमार, अशोक महादेव, सुरेंद्र बहादुर सिंह, वीना सरोज, शर्मिला, शकुंतला आदि शामिल थीं।