अमेठी : प्राइमरी स्कूलों में सर्वशिक्षा अभियान की धज्जियां उड़ा रहें है खुद जिम्मेदार
अमेठी : अतिविशिष्ट संसदीय क्षेत्र अमेठी के तमाम प्राइमरी स्कूलों में सर्वशिक्षा अभियान की धज्जियां खुद जिम्मेदार ही उड़ा रहें है। कुछ स्कूलों में नियुक्त किये गये शिक्षक शिक्षण कार्य से स्वयं को दूर तो किये ही हैं पढ़ाई का पूरा जिम्मा भी उन्होंने ठेके पर उठा दिया है और खुद मौज मस्ती करते फि र रहें हैं। वहीं ठेकेदार शिक्षक भी बच्चों तामील न देकर मुर्गा बनाने व छड़ी की धौंस दिखाने में मशगूल हैं। नौनिहालों के भविष्य के साथ ऐसा खिलवाड़ विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय गुन्नौर में खुलेआम देखने को मिला।
बच्चों का भविष्य गढ़ने का सरकार व बेसिक शिक्षा महकमा दावा करता है, लेकिन तस्वीर इसके उलट है। सरकारी अभिलेखों के अनुसार प्राथमिक विद्यालय गुन्नौर में शिक्षिका की तैनाती है। हाल के दिनों में जो नजारा स्कूल में देखने को मिला वह शिक्षा विभाग के कारनामों की कलई खोलने के लिए काफ है। यही नहीं शिक्षा का अधिकार भी यहा विभाग की करतूतों पर शर्मसार होगा। स्कूल में शिक्षक बातचीत में मशगूल थे और उनकी जगह कक्ष में कुर्सी पर बैठकर आगनबाड़ी सहायिका की बेटी बच्चों को सुधारने के लिए छड़ी की धौंस दिखा रहीं थी। यही नहीं कुछ बच्चे पीछे के कमरे में मारपीट करते दिखे व कुछ मुर्गा बने थे। ऊपर से ठेकेदार शिक्षक बच्चों की पहरेदारी करते नजर आये। पूछने पर पता चला कि स्कूल में तैनात शिक्षिका के आदेश पर आगनबाड़ी केंद्र की सहायिका की बेटी जो हाईस्कूल में पढ़ती है और वही स्कूल में पढ़ाती है। कुछ बच्चों से पूछताछ की गईं तो उनकी जुबानी भी यही सुनायी पड़ा कि यह व्यवस्था महीनों से चली आ रही है। बाद में तैनात शिक्षिका ने बताया कि स्कूल में नामाकन सौ से ऊपर का है फि र भी 75 बच्चों की उपस्थिति दर्ज है। भोजनालय में गीली लकड़ियों के भरोसे मिड डे मिल योजना की तैयारी चल रही थी।
खंड शिक्षा अधिकारी एनपी सिंह से इस बाबत वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि स्कूल में वगैर अनुमति के प्राइवेट शिक्षक से शिक्षण कार्य पूरी तरह गलत हैं मामले की जाच होगी। एसडीएम अभय कुमार पाडे कहते हैं कि सरकारी विद्यालय में प्राइवेट सेक्टर से शिक्षा देने की जाच की जायेगी। यदि मामला सही पाया गया तो संबंधित शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई होगी।