लखनऊ : नियुक्तियों में गड़बड़ी पर वीसी को काम करने से रोका, मामले की न्यायिक जांच कराने का फैसला
ब्यूरो/अमर उजाला, लखनऊ । नियुक्तियों में गड़बड़ी के मामले में सरकार ने डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. निशीथ राय को कार्य करने से रोक दिया है। प्रो. राय की नियुक्ति और बतौर कुलपति विश्वविद्यालय में उनकी ओर से की गई नियुक्तियों में गड़बड़ियों के आरोप पर शासन ने हाईकोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति शैलेंद्र सक्सेना से जांच कराने का फैसला किया है। जांच पूरी होने तक कुलपति का चार्ज दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के प्रमुख सचिव को दिया गया है।
पिछले दिनों कुलपति प्रो. राय की नियुक्ति और उनकी ओर से की गई भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत हुई थी। आरोप है कि वे लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षक थे और क्षेत्रीय नगर एवं पर्यावरण अध्ययन केंद्र के डायरेक्टर भी। कुलपति बनने के बाद भी वे केंद्र के डायरेक्टर बने रहे।
पिछले दिनों उनकी ओर से विश्वविद्यालय में की गई भर्ती में गड़बड़ी की प्रारंभिक जांच में भी गंभीर तथ्य सामने आए। ये भी कहा गया है कि भर्तियों में गड़बड़ी का जब तत्कालीन रजिस्ट्रार ने विरोध किया तो उन्हें भी हटवा दिया गया था।
*मामला पहुंचा कार्य परिषद*
यह मामला विश्वविद्यालय की सामान्य परिषद के सामने गया। परिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं। परिषद ने प्रकरण की जांच के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को नामित करने और जांच अधिकारी के चयन के लिए अध्यक्ष सामान्य परिषद को अधिकृत करने को कहा। परिषद ने यह भी सुझाव दिया कि जांच प्रक्रिया पूरी होने तक (अधिकतम 06 माह) कुलपति का कार्य प्रमुख सचिव दिव्यांगजन को सौंप दिया जाए।
विशेष सचिव विजय कुमार यादव ने 16 अगस्त को आदेश जारी कर दिया। जांच के दौरान प्रो. राय को वेतन व भत्ते सामान्य रूप से मिलते रहेंगे। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के प्रमुख सचिव महेश कुमार गुप्ता ने बताया कि जब तक जांच पूरी होगी तब तक प्रो. राय कार्य नहीं करेंगे।
प्रो. राय बोले-हमें आदेश की जानकारी नहीं
वहीं प्रो. राय का कहना है कि वह सामान्य परिषद के सदस्य सचिव हैं। उन्हें इस तरह की बैठक या जांच की कोई जानकारी नहीं है। प्रो. राय का कहना है कि उन्हें आज तक इस बारे में कोई आदेश नहीं मिला है। आदेश मिलने के बाद ही वह इस बारे में कुछ कह सकते हैं।
राज्यपाल को दी जाएगी रिपोर्ट
सामान्य परिषद द्वारा गठित न्यायिक जांच आयोग जो रिपोर्ट देगा, उसे सामान्य परिषद में रखा जाएगा। इस पर सामान्य परिषद अपनी संस्तुति कुलाध्यक्ष (राज्यपाल) को देगी। इस पर कुलाध्यक्ष कोई निर्णय ले सकेंगे।