लखनऊ : वित्तविहीन कॉलेजों की आय-व्यय उच्च शिक्षा विभाग के रडार पर, निर्देश जारी
ब्यूरो/अमर उजाला, लखनऊ । वित्तविहीन डिग्री कॉलेजों में होने वाले फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए उनके आय-व्यय की जांच करना जरूरी है।
उच्च शिक्षा विभाग ने जनसुविधा पोर्टल पर हुई शिकायत के बाद विश्वविद्यालय के लिए यह निर्देश जारी किया है। यह शिकायत उच्च शिक्षा उत्थान समिति की तरफ से की गई थी।
शिकायत में शिक्षकों की समस्याएं, डिग्री कॉलेजों में होने वाले फर्जीवाड़े, डिग्री स्तर पर स्वकेंद्र प्रणाली खत्म करने समेत कई मामले उठाए गए हैं।
उच्च शिक्षा विभाग की सहायक निदेशक डॉ. विनीता यादव ने इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए विश्वविद्यालय के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए हैं।
उच्च शिक्षा उत्थान समिति के अध्यक्ष जेपी सिंह ने निजी डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों के उत्पीड़न का मुद्दा उठाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।
इसमें शिक्षकों की सेवा नियमावली बनाने के साथ ही शिक्षकों का विवरण ऑनलाइन करने तथा उसे आधार नंबर से लिंक करने, प्राचार्य-शिक्षक और स्ववित्तपोषित शिक्षकों को निश्चित न्यूनतम वेतन देने जैसी अन्य मांगें की थी। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी मामले विवि के पास भेजकर कुलसचिव से इस पर कार्यवाही करने को कहा है।
वित्त विहीन कॉलेजों पर मनमानी का आरोप
उच्च शिक्षा उत्थान समिति के अध्यक्ष जेपी सिंह ने आरोप लगाया कि ज्यादातर वित्त विहीन महाविद्यालयों में मनमानी की जा रही है।
शासनादेश के अनुसार फीस से मिली रकम का 75 फीसदी हिस्सा उन्हें शिक्षकों के वेतन पर खर्च करना है, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है।
इसके बजाय शिक्षकों को नाममात्र का वेतन देकर उनका शोषण किया जा रहा है। इसके खिलाफ आवाज उठाने पर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाता है। इसलिए विश्वविद्या