लखनऊ : कैबिनेट का फैसला: शिक्षकों की भर्ती में बड़ा बदलाव, मेरिट की भूमिका खत्म
ब्यूरो/अमर उजाला, लखनऊ । सरकार ने मेरिट के माध्यम से होनी वाली माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती की व्यवस्था समाप्त कर दी है। अब लिखित परीक्षा के आधार पर ही राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।
इसके अलावा अभ्यर्थियों के साक्षात्कार लेने की व्यवस्था को भी समाप्त कर दिया गया है। यह निर्णय मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करने समेत कुल 8 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई है।
फैसले की जानकारी देते हुए सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह व श्रीकांत शर्मा ने बताया कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से कैबिनेट ने राज्य अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियमावली-1989 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
जिसमें मेरिट के आधार पर होने वाली भर्ती प्रक्रिया के स्थान पर अब लिखित परीक्षा के आधार पर राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती का फैसला किया गया है।
उन्होंने बताया कि लिखित परीक्षा से चयनित अभ्यर्थियों का साक्षात्कार नहीं लिया जाएगा। संशोधित नियमावली के मुताबिक राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती लोक सोवा आयोग के जरिए होगा। इस पद के लिए स्नातक के साथ ही बीएड डिग्रीधारी ही पात्र माने जाएंगे।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस समय माध्यमिक शिक्षकों के 9342 पद रिक्त हैं, जिनपर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हो चुका है। अब तक कुल 9 लाख से अधिक आवेदन पत्र आ चुके हैं।