इलाहाबाद : 10 हजार की नौकरी के लिए लाखों जतन, नौकरी के लिए हर जतन करने के लिए तैयार छात्राओं को गर्मी ने बेहाल किया तो वे वहीं जगह-जगह झुंड बनाकर बैठ गईं
अमर उजाला ब्यूरो, इलाहाबाद । एक तरफ जहां सरकारी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये तय किया गया है, वहीं विडंबना यह भी है कि मात्र 10 हजार की नौकरी के लिए लंबी कतार में लगे हजारों युवाओं ने दिन भर पसीना बहाया। केपी कम्यूनिटी हाल में सोमवार को आयोजित रोजगार मेला में छह हजार से अधिक युवा कतार में लगे। गौर करने वाली बात यह भी है कि मेले में पहुंचे युवा हुनरमंद हैं। वे कौशल विकास योजना तथा आईटीआई के प्रशिक्षित हैं, लेकिन उनके कौशल को 10 हजार की भी नौकरी मिलेगी या नहीं यह कह पाना उनके लिए भी कठिन है।
कौशल विकास मिशन के अंतर्गत आयोजित मंडलीय रोजगार मेला में तकरीबन सात हजार अभ्यर्थी शामिल हुए। इसमें व्यावसायिक एवं कौशल विकास मंत्री चेतन चौहान की मौजूदगी में पूर्व में चयनित 600 युवाओं को नियुक्ति पत्र दिया गया। तकरीबन 50 को स्वयं चेतन चौहान ने नियुक्ति पत्र दिया। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि सबसे अधिक वेतन 11 हजार रुपये प्रति महीने का है। ज्यादातर को सात-आठ हजार रुपये की नौकरी मिली है। इस नौकरी के लिए युवाओं का केपी कम्यूनिटी हाल में सुबह से ही जमावड़ा शुरू हो गया था। उमस भरी गर्मी में नौकरी की उम्मीद में इलाहाबाद के अलावा प्रतापगढ़, फतेहपुर और कौशाम्बी से भी बड़ी संख्या में युवा पहुंचे थे। इसकी वजह से आयोजन स्थल के बाहर सड़क पर दिन भर जाम की स्थिति रही। नौकरी के लिए हर जतन करने के लिए तैयार छात्राओं को गर्मी ने बेहाल किया तो वे वहीं जगह-जगह झुंड बनाकर बैठ गईं।
मेला में 50 से अधिक कंपनियों ने प्रतिभाग किया। ज्यादातर छात्र-छात्राओं ने एक से अधिक कंपनियों के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। कई कंपनियों के आगे तो युवाओं की लंबी कतार रही। रजिस्ट्रेशन और पहले चरण के साक्षात्कार के बाद 5075 का चयन किया गया। संस्थाओं की ओर से इनका दोबारा साक्षात्कार होगा। इसके बाद चयनितों की अंतिम सूची जारी की जाएगी।
स्माइलगंज बाजार से आईं मीरा, रूबीना बानो आदि का कहना था कि यह उनके लिए सुनहरा अवसर है। फाफामऊ की पूजा सिंह, प्रार्थना सिंह ने बताया कि पहले चरण में उनका चयन हो गया है। तीन दिन बाद फिर साक्षात्कार होगा। मो. निदाफ का कहना था कि ऐसे आयोजन होते रहना चाहिए। रुद्र का कहना था कि रोजगार मेला में रजिस्ट्रेशन के अलावा कोर्स तथा नौकरियों की बाबत जानकारी भी मिलनी चाहिए। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान ने कहा कि कौशल विकास योजना का मकसद सबको हुनर सबको काम देना है। इस मकसद से कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।
उन्होंने संस्थाओं से अपील की कि उनका काम प्रशिक्षण देने के साथ युवाओं को नौकरी दिलाने की भी है। इससे पहले कौशल विकास कार्यक्रम के एमडी राजेश कुमार ने बताया कि 53 क्षेत्राें में प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। प्रदेश में सभी 53 क्षेत्र में कुल 650 कोर्सेज चलाए जा रहे हैं। सीडीओ सैमुअल पॉल एन. ने कौशल विकास के उद्देश्य पर प्रकाश डाला तथा धन्यवाद ज्ञापित किया। पूर्व में चयनित नेहा, रितु, प्रशांत, संजू आदि ने भी अनुभव साझा किए। इस मौके पर एडीएम नागरिक आपूर्ति अमर पाल सिंह, डीडीओ आरयू द्विवेदी, एसीएम मोहन सिंह आदि मौजूद रहे।
प्रदेश सरकार ने इस साल कौशल विकास तथा आईटीआई में प्रशिक्षित एक लाख युवाओं को नौकरी देने का लक्ष्य रखा है। इस मकसद से 19 बड़ी कंपनियों से समझौता किया गया है। इनमें मोबाइल, कंप्यूटर आदि क्षेत्रों की कई कंपनियां शामिल हैं। कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान ने कहा कि प्रदेश में रोजगार मुहैया कराना सबसे बड़ी समस्या है, लेकिन कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। इनके सकारात्मक रिजल्ट भी मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि मिशन के पोर्टल पर 52 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें पांच लाख को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। 19 कंपनियों से समझौता हुआ है। प्रशिक्षुओं को नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 350 प्रशिक्षण केंद्र चल रहे हैं।