लखनऊ : यूपी में अब लिखित परीक्षा से होगी 1.37 लाख प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती, प्रस्ताव को मिली मंजूरी
टीम डिजिटल/अमर उजाला, लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को प्रदेश में 1.37 प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती के लिए चयन प्रक्रिया में बदलाव से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। विभाग में प्राइमरी शिक्षकों का चयन अब लिखित परीक्षा के जरिए होगा।
इसमें वही अभ्यर्थी आवेदन के पात्र होंगे जिन्होंने टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण की होगी। यही व्यवस्था शिक्षामित्रों के लिए भी होगी। अर्थात शिक्षामित्रों को शिक्षक बनने के लिए अब टीईटी पास करने के साथ ही लिखित परीक्षा भी पास करनी होगी।
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री व सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने यहां पत्रकारों को बताया कि सरकार ने शिक्षक भर्ती में चयन मापदंड के बदलाव के लिए नियमावली में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके लिए यूपी बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली पुनरीक्षित प्राक्लन एवं उच्च विशिष्टियों का अनुमोदन किया गया है। अब शिक्षक चयन का मापदंड लिखित परीक्षा होगी।
लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के प्राप्तांक प्रतिशत का 60 प्रतिशत अंक उनके गुणांक के साथ जोड़ा जाएगा। 40 नंबर का शैक्षिक गुणांक होगा। इस तरह लिखित परीक्षा के प्राप्तांक प्रतिशत के 60 प्रतिशत व शैक्षिक गुणांक से मेरिट बनेगी।
*परीक्षा में बैठने के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य*
लिखित परीक्षा में वही अभ्यर्थी बैठ पाएंगे जो स्नातक प्रशिक्षित होंगे और जिन्होंने टीईटी पास की होगी। लिखित परीक्षा के लिए न्यूनतम उत्तीर्ण/ क्वालीफाइंग मार्क्स व इससे जुड़े विस्तृत दिशानिर्देश राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक राज्य सरकार की अनुमति लेकर जारी करेंगे।
शर्मा ने बताया कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश के अनुसार शिक्षामित्रों को पूरा लाभ दिया जाएगा। इसके तहत 2.5 अंक भारांक प्रत्येक पूर्ण शिक्षण वर्ष के अनुभव के आधार पर मिलेगा। लेकिन यह भारांक अधिकतम 25 अंक का होगा। बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल ने बताया कि शिक्षामित्रों को वेटेज 2.5 अंक प्रतिवर्ष अनुभव के आधार मिलेगा।
लेकिन यदि वेटेज 30 नंबर तक होता है तो भी अधिकतम वेटेज 25 नंबर का ही मिलेगा। उन्होंने बताया कि शिक्षामित्रों को 60 वर्ष की अधिकतम उम्र सीमा का लाभ पहले से ही तय है। इसका लाभ उन्हें मिलेगा।