इलाहाबाद : आयोग 2018 से मांगेगा परीक्षा केंद्र का विकल्प, साथ ही आगामी परीक्षाओं से निगेटिव मार्किंग शुरू कराने के सचिव ने दिए संकेत
इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए है। उन्हें मनमाने तरीके से परीक्षा केंद्र का आवंटन नहीं होगा, बल्कि अभ्यर्थी खुद केंद्र का चयन कर सकेंगे। आयोग सचिव जगदीश ने कहा है कि 2018 से होने वाली परीक्षाओं में अभ्यर्थियों से परीक्षा केंद्र का विकल्प मांगा जाएगा। साथ ही परीक्षा वाले जिलों और केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। यह हिदायत भी दी है कि मनमानी करने वाले केंद्र व अभ्यर्थी दोनों डिबार भी किए जाएंगे। बुधवार को आयोग सचिव ने प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अवनीश पांडेय व दिनेश तिवारी के नौ सूत्रीय ज्ञापन को स्वीकार करते हुए ये वादा किया है। सचिव ने कहा कि वर्ष 2009-10 तक की जो परीक्षाएं लंबित हैं, उनका प्राथमिकता के आधार पर इम्तिहान होगा और जो रिजल्ट रुके हैं वह भी शीघ्र जारी होंगे। सचिव ने यह भी संकेत दिए कि आगामी परीक्षाओं में निगेटिव मार्किंग की व्यवस्था शुरू करने की तैयारी है। प्रश्नपत्र रुटीन रहेंगे। पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम आने के बाद मुख्य परीक्षा के लिए 90 दिन का वक्त देने पर सचिव ने कहा कि इसकी समय सीमा अभी तय नहीं हो सकती, लेकिन अभ्यर्थियों को तैयारी करने का पर्याप्त समय जरूर मिलेगा, ताकि सभी संतुष्ट रहें। साक्षात्कार प्रक्रिया में सुधार पर बोले, आयोग ने कई शिकायतों का संज्ञान लेकर सुधार किया है, तमाम निर्णय और कार्य होना अभी शेष है। इसके लिए लगातार प्रयास जारी रहेगा।
परीक्षा का फार्म भरते समय कई बार साइबर कैफे संचालक से गलती हो जाती है और उस चूक का असर अभ्यर्थी के करियर पर पड़ता है। इस पर सचिव ने कहा कि ऐसे अभ्यर्थी प्रत्यावेदन दें उसे परीक्षा समिति के समक्ष रखकर मानवीय आधार पर सहानुभूतिपूर्वक विचार होगा। इसी तरह ओएमआर शीट भरते समय गलती का प्रकरण भी परीक्षा समिति के समक्ष रखने का सचिव ने वादा किया और मैनुअल चेकिंग पर जोर दिया। ऑनलाइन भुगतान समय से कर पाने वाले अभ्यर्थी भी आयोग को अवगत कराएं।
*सीबीसीआइडी के निर्देश का इंतजार*
समीक्षा अधिकारी 2016 पेपर लीक होने पर परीक्षा रद कराने की मांग पर सचिव बोले इस प्रकरण की जांच सीबीसीआइडी कर रही है। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को अनुस्मारक भेजकर जल्द कार्रवाई की मांग की है। यह प्रकरण न्यायालय में भी लंबित है। ऐसे में कोर्ट का निर्णय आने तक आयोग कोई हस्तक्षेप या फिर निर्णय नहीं कर सकता है। कुछ दिन पहले सीबीसीआइडी के अफसर आयोग से कागजात ले गए हैं, जल्द ही जांच पूरी होने की उम्मीद है।’
परीक्षा फार्म भरते समय या ओएमआर शीट पर अंकन न करने वाले दें प्रत्यावेदन
आगामी परीक्षाओं से निगेटिव मार्किंग शुरू कराने के सचिव ने दिए संकेत