इलाहाबाद : प्रदेश भर के मान्यता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में भी अप्रशिक्षित शिक्षक शिक्षण कार्य नहीं कर सकेंगे, अप्रशिक्षित शिक्षक मार्च 2019 के बाद मान्य नहीं
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश भर के मान्यता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में भी अप्रशिक्षित शिक्षक शिक्षण कार्य नहीं कर सकेंगे। अप्रशिक्षित शिक्षकों को 31 मार्च 2019 के बाद स्कूलों में शिक्षण कार्य के लिए मान्य नहीं किया जाएगा। ऐसे शिक्षक एनआइओएस (राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान) के पोर्टल पर पंजीकरण कराकर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं, इसकी अंतिम तारीख 15 सितंबर तय की गई है। इसी पोर्टल पर प्रशिक्षण कार्यक्रम विस्तृत रूप से दिया गया है।
निश्शुल्क एवं बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) अधिनियम 2017 के अनुसार 31 मार्च 2015 तक विद्यालयों में नियुक्त या कार्यरत अप्रशिक्षित अध्यापकों को प्रशिक्षण की योग्यता प्राप्त करने की अंतिम अवधि 31 मार्च 2019 तय की गई है। इस दौरान वह प्रशिक्षण प्राप्त कर लें। इसके बाद राजकीय, गैर शासकीय, अनुदानित या फिर मान्यता प्राप्त विद्यालयों में सेवारत अप्रशिक्षित अध्यापक किसी भी दशा में शिक्षण कार्य के लिए अनुमन्य नहीं किए जाएंगे।
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने बताया कि प्रदेश के सेवारत अप्रशिक्षित अध्यापकों के लिए यह अंतिम अवसर है कि वह प्रशिक्षण एनआइओएस के पोर्टल पर अपना नामांकन करा लें।
उन्होंने बताया कि उन्हीं को प्रशिक्षण दिया जाएगा जिन विद्यालयों के प्रधानाध्यापक अपने विद्यालय में अप्रशिक्षित अध्यापक के कार्यरत होने संबंधी प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से देंगे। विद्यालय प्रधानाचार्य की ओर से एनआइओएस के पोर्टल पर अप्रशिक्षित अध्यापकों का पंजीकरण चल रहा है इसकी अंतिम तारीख 15 सितंबर है।
इस प्रशिक्षण के संबंध में कार्यक्रम व अन्य विवरण के लिए अप्रशिक्षित अध्यापकों को एनआइओएस की वेबसाइट देखनी होगी। परिषद सचिव ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के संबंध में एनसीईआरटी की ई-मेल और परिषद मुख्यालय के संयुक्त सचिव अशोक कुमार गुप्ता व सहायक निदेशक दीपा तिवारी के मोबाइल नंबरों पर भी संपर्क किया जा सकता है।
टीईटी उत्तीर्ण को मिलेगा मौका
केंद्र सरकार की ओर से अप्रशिक्षित शिक्षकों पर शिकंजा कसने से निजी विद्यालयों में भी शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को पढ़ाने का मौका मिलेगा। इस कदम से मान्यता लेकर मनमाने तरीके से विद्यालय चलाने वाले संचालकों पर भी शिकंजा कसने के पूरे आसार हैं।