इलाहाबाद : 72825 सहायक अध्यापक भर्ती मामला, गलत तरीके से अध्यापकों की नियक्ति पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
अमर उजाला ब्यूरो इलाहाबाद। गलत तरीके से अध्यापकों की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब 95 अभ्यर्थियों की नियुक्ति को दी गई है चुनौती प्राथमिक विद्यालयों में 72825 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति में लगभग 95 अभ्यर्थियों की गलत नियुक्ति करने पर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग से जवाब मांगा है। कोर्ट ने नियुक्ति पाए चार अध्यापकों को भी नोटिस जारी किया है जिन पर गलत तरीके से नियुक्ति पाने का आरोप है।
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीमकोर्ट ने 30 नवंबर 2011 के विज्ञापन में शामिल अभ्यर्थियोें में सामान्य वर्ग के 70 प्रतिशत अंक पाने वाले और ओबीसी के 60 प्रतिशत अंक पाने अभ्यर्थियों को नियुक्त करने का आदेश दिया था। मगर सरकार ने इसी में सात 2012 के विज्ञापन में आवेदन करने वाले 95 अभ्यर्थियों को भी शामिल कर लिया। सुप्रीमकोर्ट ने सात दिसंबर 2012 के विज्ञापन पर विचार करने का निर्देश नहीं दिया था। इसलिए इन 95 अध्यापकों को पद पर रहने का हक नहीं है।
अपील पर न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी की पीठ सुनवाई कर रही है। अपीलार्थियों के वकील का कहना था कि शिव कुमार पाठक केस में सुप्रीमकोर्ट ने 30 नवंबर 2011 के विज्ञापन के तहत आवेदन करने वाले 1100 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति का अंतरिम आदेश दिया था। इसमें 839 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की गई। जिसमें से 95 ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने 30 नवंबर के विज्ञापन में आवेदन नहीं किया था। 25 जुलाई 2017 को अंतिम आदेश में भी सुप्रीमकोर्ट ने 2011 के विज्ञापन में शामिल अभ्यर्थियोें को ही नियुक्ति देने का आदेश दिया है। याचिका के विरोध कर रहे अभ्यर्थियों का कहना था कि सुप्रीमकोर्ट ने उन सभी अभ्यर्थियों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया था जो सुप्रीमकोर्ट में दाखिल याचिका में पक्षकार थे।