लखनऊ : अनिवार्य सेवानिवृत्ति मामले में बड़ों पर भी मुख्यमंत्री की नजर, मुख्यमंत्री ने कर्मचारी नेताओं से मुलाकात में कही यह बात,.पुरानी पेंशन बहाली, कैशलेस इलाज और मोटर साइकिल भत्ता सहित कई मांगों पर बातचीत
लखनऊ, विशेष संवाददाता- राज्य मुख्यालयमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पचास साल पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की समीक्षा मामले में छोटे ही नहीं, बड़ों पर भी उनकी नजर है। इस मामले में कर्मचारियों का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। हमें जिनसे विकास में सहयोग लेना उनका उत्पीडन क्यों होगा। मुख्यमंत्री ने यह बात बुधवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद (हरिकिशोर तिवारी गुट) के नेताओं से मुलाकात में कही। इस मुलाकात में पुरानी पेंशन बहाल करने, कैशलेस चिकित्सा सुविधा और मोटर साइकिल भत्ता देने सहित कई मांगों पर बातचीत हुई। बातचीत में मुख्यमंत्री ने परिषद की कई मांगों पर सहमति भी जताई है। मुख्यमंत्री से मिलने के बाद कर्मचारी नेता संतुष्ट नजर आए। परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि लोकसभा चुनाव के समय भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष व वर्तमान गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पुरानी पेंशन बहाल किए जाने के लिखित आश्वासन पर परिषद ने नोटा का प्रयोग कर आंदोलन खत्म किया था। इसलिए पार्टी की सरकार बनने पर अब इस मांग को पूरा किया जाना चाहिए। कैशलेस इलाज की सुविधा देने में भी उदासीनता बरती जा रही है। विशिष्ट चिकित्सा संस्थानों से एग्रीमेंट नहीं हुआ है। हेल्थ कार्ड बनाने में भी प्रगति नहीं है। मोटर साइकिल भत्ता की मांग के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सरकारी काम किया जा रहा है तो मोटर साइकिल भत्ता मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री से संविदा और आउटसोर्सिंग बंद करके नियमित भर्ती करने की मांग की गई। एसीपी का लाभ देने के लिए बहुत अच्छा की व्यवस्था खत्म करने, खाली पदों पर भर्ती शुरू करने, देरी से रेगुलर हुए कर्मचारियों की पुरानी सेवाओं को जोड़कर लाभ देने, अभियान चलाकर पदोन्नतियां करने आदि आदि मांगों पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री से श्री तिवारी के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधिमंडल में महामंत्री शिवबरन सिंह यादव, संजीव गुप्ता, विशिष्ट बीटीसी के अध्यक्ष संतोष तिवारी प्रमुख रूप से शामिल थे।