गोरखपुर : बीएसए ने रोका खंड शिक्षा अधिकारियों का वेतन, कहा जब तक लंबित कार्य पूरे नहीं हो जाते, बीईओ को वेतन नहीं दिया जाएगा।
गोरखपुर : खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) की लापरवाही उन पर भारी पड़ गई है। आदेश के बाद भी लंबित कार्यो को समय से पूरा नहीं करने के आरोप में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने समस्त बीईओ का वेतन सितंबर से रोक दिया है। उनका कहना है कि जब तक लंबित कार्य पूरे नहीं हो जाते, बीईओ को वेतन नहीं दिया जाएगा।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) रामसागर पति त्रिपाठी की इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। बीएसए का कहना है कि खंड शिक्षा अधिकारियों की उदासीनता के चलते शासन ने गोरखपुर को डिफाल्टर की श्रेणी में रख दिया है। उच्च अधिकारी लगातार दबाव बना रहे हैं, लेकिन बीईओ लापरवाह बने हुए हैं। इसको लेकर अधिकारियों में रोष भी है। बीएसए के अनुसार 'एसडीएमआइएस' के लिए पिछले कई माह से आग्रह किया जा रहा है, लेकिन आज तक पूरा नहीं हो पाया। 'मानव संपदा' का कार्य शासन की देखरेख में चल रहा है। रोजाना इसकी समीक्षा की जाती है। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद ने 28 जून को ही पत्र लिखकर 30 जून तक कार्य को पूरा करने के लिए निर्देशित किया था, लेकिन यह कार्य भी आज तक पूरा नहीं हो पाया है। अधिकतर विकास खंडों में तो रजिस्ट्रेशन का कार्य भी पूरा नहीं हुआ है। राज्य परियोजना कार्यालय सर्व शिक्षा अभियान के निर्देश पर 'शाला सिद्धि' का कार्य संचालित किया गया है, लेकिन इसमें भी लापरवाही बरती जा रही है। समस्त विद्यार्थियों के लिए 'आधार कार्ड' अनिवार्य है, लेकिन इसमें भी बीईओ कोई रुचि नहीं ले रहे हैं। अब यह सभी कार्य पूरे हो जाने के बाद ही वेतन की संस्तुति की जाएगी। जिले के 20 विकास खंड में 13 खंड शिक्षा अधिकारी तैनात हैं।
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उपलब्ध कराएं बिना मान्यता के विद्यालयों की सूची
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जनपद में आठ मई 2013 के मानक का अनुपालन नहीं करने वाले प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को चिह्नित कर एक सप्ताह के अंदर सूची उपलब्ध कराएं। इधर, ऐसे विद्यालयों की शिकायतें मिल रहीं हैं जो बिना मानक के ही चल रहे हैं। जिले में एक भी विद्यालय बिना मान्यता के नहीं चलने चाहिए। अन्यथा की स्थिति में खंड शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ ही कार्रवाई होगी।
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