गोरखपुर : यूपी बोर्ड ने पकड़ी प्रंधक व प्रधानाचार्यो की झूठ
गोरखपुर : यूपी बोर्ड परीक्षा के पहले चरण में ही माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्य और प्रबंधकों के झूठ की पोल खुल गई है। परीक्षा केंद्र बनाने के लिए अधिकतर विद्यालयों ने जीपीएस मैपिंग प्रणाली के तहत यूपी बोर्ड को गलत सूचना दे दी है। आनलाइन आवेदन की जांच-पड़ताल में प्रधानाचार्य और प्रबंधकों की झूठ पकड़ी गई है।
विद्यालयों ने मानक की अनदेखी करते हुए सड़क और विद्यालय की फोटो गलत भेज दी है। इसमें कुछ ने तो दूसरे विद्यालय की फोटो अपलोड कर दी है। कई ने सड़क से विद्यालय की दूरी को कम कर दिया है। यूपी बोर्ड ने इस झूठ को गंभीरता से लिया है। उन्होंने विभाग को विद्यालयों की पड़ताल कर संशोधित रिपोर्ट भेजने का आदेश जारी कर दिया है। जिला विद्यालय निरीक्षक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया ने खुद विद्यालयों की जांच शुरू कर दी है। बकौल डीआइओएस, अभी तक 26 विद्यालयों की जांच पूरी हो गई है। वहीं माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने भी परीक्षा केंद्रो को लेकर गंभीर हुए हैं। उनका कहना है कि किसी भी दशा में मानक के विपरीत परीक्षा केंद्र का निर्धारण नहीं होना चाहिए। परीक्षा केंद्र बनाने में होती आ रही धांधली को रोकने के लिए ही यूपी बोर्ड ने जीपीएस मैपिंग प्रणाली तैयार की है। इसके तहत प्रधानाचार्य और प्रबंधक को बोर्ड द्वारा तैयार मोबाइल एप के जरिये मुख्य सड़क मार्ग से विद्यालय की दूरी और परिसर का फोटो भेजना था। लेकिन संबंधित लोगों ने परीक्षा केंद्र बनाने के लिए मनमाने ढंग से मैपिंग कर वेबसाइट पर गलत जानकारी दे दी है।
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यह है मानक
- विद्यालय से परीक्षा केंद्र की दूरी पांच किमी की परिधि में होनी चाहिए।
- पांच किमी के अंदर कोई विद्यालय नहीं है तो आठ किमी परिधि वाले स्कूल का चयन करना होगा।
- तीसरे विकल्प के रूप में पांच से 11 किमी परिधि वाले विद्यालयों का चयन किया जाना है।