बदायूं : शिक्षा महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार से तंग पीड़ित ने परिवार समेत कार्यालय में आत्मदाह का प्रयास किया।
जागरण संवाददाता, बदायूं : शिक्षा महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार से तंग पीड़ित ने परिवार समेत कार्यालय में आत्मदाह का प्रयास किया। मृतक आश्रित कोटे में नौकरी पाने के लिए लगातार सात साल से संघर्ष कर रहे दिव्यांग ने इसकी चेतावनी पहले ही दे दी थी। तंगहाल जीवन गुजार रहा परिवार जब आत्मदाह करने पहुंचा तो जानकारी लगने पर एसपी सिटी कमल किशोर पुलिस फोर्स संग मौके पर पहुंच गए और सभी को हिरासत में लिया। बाद में मुकदमा दर्ज कर परिवार के सभी चारों लोगों को जेल भेज दिया गया। 1उसावां थाना क्षेत्र के गांव गौतरा पट्टी निवासी दिव्यांग दिवाकर शर्मा के पिता शिक्षक प्रेमपाल शर्मा की मृत्यु 27 जनवरी वर्ष 2010 को हो गई थी। दिवाकर ने पिता की मौत के बाद मृतक आश्रित कोटे में नौकरी के लिए आवेदन किया। इस पर शैक्षिक योग्यता को दरकिनार कर विभाग ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर उसकी तैनाती कर दी। चपरासी के पद पर उसका चयन किया गया तो खुद को स्नातक बताने वाले दिवाकर ने चपरासी की नौकरी करने से इंकार कर दिया। वह शिक्षक या फिर क्लर्क की नौकरी की मांग कर रहा है। आरोप है कि क्लर्क की नौकरी के बदले तत्कालीन अधिकारियों से लेकर मौजूदा अधिकारियों तक उससे सुविधा शुल्क मांगा गया। पर वह यह मांग पूरी नहीं कर सका। सात साल से वह शासन तक अपनी मांग को उठा रहा था। पर कोई नतीजा नहीं निकला। कुछ दिन पहले उसने जिम्मेदार अधिकारियों को सूचना देते हुए परिवार समेत आत्मदाह करने की चेतावनी दे दी थी। मंगलवार को तय तारीख पर वह अपने बड़े भाई, मां और पत्नी के साथ बीएसए कार्यालय पहुंचा। यहां सभी ने अपने ऊपर केरोसिन डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। चूंकि सूचना पहले से ही थी, इसलिए वहां मौजूद पुलिस थी और सभी को हिरासत में ले लिया।पुलिस के गाड़ी में बैठाए जाने के बाद रोती पीड़ित की प}ी ’ जागरण’>>पुलिस महकमे में हड़कंप, जेल भेजे गए आत्मदाह का प्रयास करने वाले 1’>>पीड़ित मां भाई और प}ी के साथ पहुंचा था विभाग के दफ्तर