इलाहाबाद : वरिष्ठता में विवाद बताकर फिर लटक गई पदोन्नति
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश भर के राजकीय कालेजों के एलटी ग्रेड शिक्षकों की पदोन्नति से विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने पिछले दिनों जनसुनवाई प्रकरण का निस्तारण कर दिया है। एक बार फिर वरिष्ठता में विवाद बताकर पदोन्नति करने से इन्कार किया गया है।
एलटी ग्रेड शिक्षकों की वरिष्ठता तय करने के लिए हाईकोर्ट अब तक सात माह का समय दे चुका है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि प्रमोशन रोकने का बताया गया कारण पर्याप्त नहीं है। शिक्षकों का कहना है कि यदि एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग की वरिष्ठता सूची में विवाद है तो महिला संवर्ग की वरिष्ठता को लेकर भी मुकदमे कोर्ट में चल रहे हैं, फिर उनकी पदोन्नति क्यों हो रही है, जबकि एलटी पुरुष के किसी मुकदमे में प्रमोशन पर रोक नहीं है। उनकी सीआर मांगी गई सूची में केवल ऐसे नाम अलग होने थे जो लोग मंडल परिवर्तन किये थे अथवा जो अन्य सेवा में चले गए थे।
ऐसे शिक्षकों के नाम भी विभाग को उपलब्ध कराये जा चुके हैं, फिर भी पदोन्नति रोकी गई। वहीं, प्रवक्ताओं की सूची जारी कर दी गई। आरोप है कि भ्रष्टाचार के कारण उनके प्रमोशन जबरन रोके गए हैं। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री रविभूषण ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि शिक्षकों का प्रमोशन बाधित करने वाले अधिकारियों को उनके पद से हटाया जाए, क्योंकि एलटी पुरुष शाखा का लगभग 410 प्रधानाचार्य के पद रिक्त रहते हुए प्रमोशन बाधित हो रहा है।
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश भर के राजकीय कालेजों के एलटी ग्रेड शिक्षकों की पदोन्नति से विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने पिछले दिनों जनसुनवाई प्रकरण का निस्तारण कर दिया है। एक बार फिर वरिष्ठता में विवाद बताकर पदोन्नति करने से इन्कार किया गया है।
एलटी ग्रेड शिक्षकों की वरिष्ठता तय करने के लिए हाईकोर्ट अब तक सात माह का समय दे चुका है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि प्रमोशन रोकने का बताया गया कारण पर्याप्त नहीं है। शिक्षकों का कहना है कि यदि एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग की वरिष्ठता सूची में विवाद है तो महिला संवर्ग की वरिष्ठता को लेकर भी मुकदमे कोर्ट में चल रहे हैं, फिर उनकी पदोन्नति क्यों हो रही है, जबकि एलटी पुरुष के किसी मुकदमे में प्रमोशन पर रोक नहीं है। उनकी सीआर मांगी गई सूची में केवल ऐसे नाम अलग होने थे जो लोग मंडल परिवर्तन किये थे अथवा जो अन्य सेवा में चले गए थे।
ऐसे शिक्षकों के नाम भी विभाग को उपलब्ध कराये जा चुके हैं, फिर भी पदोन्नति रोकी गई। वहीं, प्रवक्ताओं की सूची जारी कर दी गई। आरोप है कि भ्रष्टाचार के कारण उनके प्रमोशन जबरन रोके गए हैं। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री रविभूषण ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि शिक्षकों का प्रमोशन बाधित करने वाले अधिकारियों को उनके पद से हटाया जाए, क्योंकि एलटी पुरुष शाखा का लगभग 410 प्रधानाचार्य के पद रिक्त रहते हुए प्रमोशन बाधित हो रहा है।