गोरखपुर : शिक्षिका के उत्पीडऩ से त्रस्त कक्षा पांच के बच्चे ने जहर खाकर जान दी
गोरखपुर(जेएनएन)। बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में बच्चों की मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि सीएम योगी आदित्यनाथ की कर्मस्थली एक और बच्चे की मौत के मामले में चर्चा में है। गोरखपुर के नामी स्कूल में कक्षा पांच के छात्र ने एक शिक्षिका के उत्पीडऩ से परेशान होकर जहर खाकर जान दे दी।
गोरखपुर के सेंट एंथोनी स्कूल के कक्षा पांच के छात्र ने क्लास टीचर के कथित उत्पीडऩ से त्रस्त होकर जहर खाकर जान दे दी। घर के इकलौते बेटे के खुदकुशी करने से भड़के परिवार के लोगों ने स्कूल जाकर तोडफ़ोड़ की। पिता की तहरीर पर पुलिस ने क्लास टीचर के खिलाफ आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज किया।
शाहपुर में असुरन चौराहे के पास सेंट एंथोनी स्कूल में पढऩे वाले पांचवी के छात्र नवनीत प्रकाश (12) ने पांच दिन पहले जाहर खा लिया था। कल देर शाम इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घर वालों ने जब उसकी बैग की तलाशी ली तो उन्हें कथित सुसाइड नोट मिला।
शाहपुर के मोहनापुर निवासी रविप्रकाश बापू इंटर कालेज पीपीगंज में शिक्षक हैं। उनका इकलौता बेटा 12 साल का नवनीत प्रकाश शाहपुर स्थित सेन्ट एंथोनी स्कूल में पांचवी कक्षा में पढ़ता था। शाहपुर क्षेत्र के मोहनापुर निवासी रवि प्रकाश दुबे का बेटा नवनीत 15 सितंबर की शाम घर में अकेला था। उसकी मां बाजार गई थी। बड़ी बहन और पिता भी बाहर थे।
देर शाम मां बाजार से वापस आईं तो नवनीत एक कमरे में बेहोशी की हालत में पड़ा मिला। उसके मुंह से झाग निकल रहा था। उनके शोर मचाने पर एकत्र हुए लोग उसे मेडिकल कालेज ले गए, जहां कल उसने दम तोड़ दिया। परिवार के लोग शव लेकर घर पहुंचे तो भीड़ लग गई।
इकलौते बेटे की मौत से घर में कोहराम मचा हुआ था। इसी बीच कमरे में सुसाइड नोट मिलने पर लोग भड़क गए। गुस्साए लोग विद्यालय पहुंच गए और तोडफ़ोड़ करने लगे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह से उनको समझा-बुझाकर शांत कराया लेकिन रात 8.30 बजे के आसपास लोगों ने असुरन चौराहे के पास स्कूल के सामने मोहद्दीपुर रोड पर जाम लगा दिया। यह सभी क्लास टीचर को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक नगर विनय कुमार सिंह ने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देकर नौ बजे जाम खत्म कराया।
उनकी बात पर यकीन मत करना पापा...
नवनीत ने सुसाइड नोट तो टूटी-फूटी ङ्क्षहदी में लिखा है लेकिन उसके शब्द दिल को छू लेने वाले हैं। पत्र से साफ पता चल रहा है कि आत्मघाती कदम उठाने से पहले वह किस मन:स्थिति से गुजर रहा था। सुसाइड नोट में उसने जो लिखा वह हूबहू इस तरह से है। 'आज (15-9-17) मेरा पहला एग्जाम था, मेरी मैम क्लास टीचर ने 9.15 तक रुलाया, खड़ा रखा इसलिए क्योंकि वो चापलूसों की बात मानती हैं, उनकी किसी बात पर विश्वास मत करिएगा पापा कल उन्होंने मुझे तीन पीरियड खड़ा रखा। आज मैंने सोच लिया है कि मैं मरने वाला हूं। मेरी आखरी इच्छा मेरी मैडक अब किसी भी बच्चे को इतनी सजा न दें कि वो कहे बड़ी सजा है। अलविदा पापा-मम्मी और दीदी।
मुझसे कभी नहीं की शिकायत
प्रिंसिपल सेंट एंथोनी सिस्टर ईश प्रिया ने बताया कि बच्चे की दिक्कतों को लेकर अभिभावक ने कभी मुझसे शिकायत नहीं की। बच्चे का यदि उत्पीडऩ हो रहा था तो अभिभावक को शिकायत करनी चाहिए थी। बच्चा खुद भी मिलकर बता सकता था।
उसके जहरीला पदार्थ खाने के बाद भी विद्यालय को इस बारे में नहीं बताया गया। भीड़ ने आकर तोडफ़ोड़ शुरू की तब हमें इस बारे में पता चला। बच्चे की मौत दुखद है। विद्यालय परिवार इससे बेहद आहत है। वह हमारे परिवार का हिस्सा था। उसके जाने का हमें भी उतना ही दुख है, जितना उसके माता-पिता या परिवार को। दुख की इस घड़ी में हम उनके साथ हैं।
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