गोरखपुर : बस्ते में नहीं पहुंचा बच्चों का 'कलरव'
गोरखपुर : मंगलवार, दोपहर 12:15 बजे। परिषदीय प्राथमिक विद्यालय हजारीपुर में कक्षा पांच में नामांकित तीन छात्र बैठे थे। उन्हें पढ़ाने वाला कोई नहीं था। प्रधानाध्यापक रजिस्टर दुरुस्त करने में व्यस्त थे। बगल में कक्षा एक और दो के बच्चे बोलकर गिनती और पहाड़ा याद कर रहे थे। बच्चों के पास नई किताबें नहीं थीं। कुछ पुरानी किताब लेकर पढ़ने आए थे।
पूछने पर अध्यापक ने बताया कि कक्षा एक और दो की कलरव आदि किताबें विभाग से नहीं मिली हैं। पुरानी किताबों से ही बच्चे पढ़ रहे हैं। त्योहार के चलते छात्रों की संख्या कम हो गई है। प्रधानाध्यापक नसीम ने बताया कि विभाग से सभी पुस्तकें नहीं मिली हैं। इसके बाद वह फिर से रजिस्टर दुरुस्त करने में जुट गए। उन्होंने न अध्यापकों पर कोई ध्यान दिया और न ही चुपचाप बैठे बच्चों की ही नोटिस ली।
इसके पूर्व दोपहर 12 बजे के आसपास पुलिस लाइंस स्थित प्राथमिक विद्यालय के बच्चे कक्षा में नहीं बैठे थे। महिला अध्यापक टेबल पर बैठकर बातें कर रही थीं। मध्याह्न भोजन करने के बाद बच्चे खेल रहे थे। प्रधानाध्यापक ने बताया कि बच्चे अभी कक्षा में बैठ जाएंगे। उन्होंने बताया कि कलरव की किताब नहीं मिली है।
यह तो सिर्फ महानगर के दो प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति है। शैक्षिक सत्र का तीसरा माह बीत रहा है, लेकिन छात्रों को न सभी किताबें मिली हैं और न शिक्षक पढ़ाई पर ध्यान दे रहे। जबकि, अक्टूबर और नवंबर में अर्धवार्षिक परीक्षा होनी है। यह तब है जब शासन ने 31 जुलाई तक किताबों का वितरण सुनिश्चित कराने का दिशा- निर्देश जारी कर दिया था। किताबें बस्ते तक तो नहीं पहुंची, लेकिन विभाग ने अपने रजिस्टर में 100 फीसद वितरण सुनिश्चित कर दिया है। पिछले वर्ष भी दिसंबर तक किताबों का वितरण पूरा नहीं हो पाया था। बिना किताब के ही वार्षिक परीक्षा हो गई। इसबार नई सरकार ने सख्ती बरती है। इसके बाद भी सितंबर बीत रहा है, लेकिन छात्रों को पूरी किताबें नहीं मिल पाई है।
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कक्षा पांच तक 20 व छह
से आठ तक 33 किताबें
सरकार कक्षा आठ तक के समस्त छात्रों को निश्शुल्क शिक्षा के अलावा निश्शुल्क किताबें भी मुहैया कराती है। इसमें कक्षा पांच तक 20 तरह की तथा कक्षा छह से आठ तक 33 तरह की किताबें दी जाती हैं। लेकिन सरकार पूरी किताबें नहीं बंटवा पाती हैं। बिना किताब के ही छात्र वार्षिक परीक्षा भी उत्तीर्ण कर जाते हैं।
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- समस्त विद्यालयों को सभी किताबें मुहैया करा दी गई हैं। जिन विद्यालयों में पुस्तकों का वितरण नहीं हुआ है, वहां के प्रधानाध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- ब्रह्मचारी शर्मा, नगर शिक्षा अधिकारी