मथुरा : शिक्षामित्र बुधवार को फिर सड़क पर उतर आए, मुख्यमंत्री का पुतला फूंका
मथुरा। शिक्षामित्र बुधवार को फिर सड़क पर उतर आए। दस हजार का मानदेय तय होने से गुस्साए शिक्षामित्रों ने किसान भवन पर एकत्रित होकर मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। गुरुवार को स्कूलों को बंद कराएंगे। बीएसए कार्यालय पर भी तालाबंदी की जाएगी।
सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय दस हजार रुपये तय कर दिया है। इससे शिक्षामित्र खफा हैं। इनका कहना है कि सरकार ने जो वादा किया था उसे पूरा नहीं किया है। इससे गुस्साए शिक्षामित्र किसान भवन पर इकट्ठा हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। शिक्षामित्रों ने किसान भवन के बाहर मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए दस हजार के मानदेय की प्रतियों को आग लगाई और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला फूंका। शिक्षा संघर्ष समिति के संयोजक खेम सिंह चौधरी और दुष्यंत सारस्वत ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा शिक्षामित्रों से वादाखिलाफी की गई है। जब तक दस हजार रुपये मानदेय के आदेश को मुख्यमंत्री वापस नहीं लेते शिक्षामित्रों का संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि गुरुवार को स्कूलों में तालाबंदी करने के बाद दस बजे बीएसए कार्यालय पर ताला लगाएंगे। किसान भवन में हुई बैठक में संजय सिसौदिया, गिरधारी लाल शर्मा, मुकेश उपाध्याय, तेजवीर सिंह, पंकज निषाद, नीरज गुप्ता, रमाकांत चौधरी, ऊषा देवी, नीतू कुमारी, मिथलेश, रजनी आदि मौजूद थे।
पुलिस इंतजार करती रही पुतला फुंक गया
मथुरा। शिक्षामित्रों के पुतला दहन करने की जानकारी पुलिस को पहले से थी फिर भी पुलिस रोक न सकी। दरअसल शिक्षामित्रों द्वारा स्टेट बैंक चौराहे पर पुतला फूंका जाना तय था। वहां पर पुलिस उन्हेें रोकने को तैनात थी। शिक्षामित्रों ने अचानक अपने कार्यक्रम में फेरबदल करते हुए किसान भवन के बाहर डेंपियर में ही पुतला दहन कर दिया।