एटा : बच्चों से छिनने लगा स्कूलों में फलों का स्वाद, योजना संचालन को लेकर बनी हुई है असमंजस की स्थिति, बजट न मिलने को लेकर शिक्षक भी नहीं दिखा रहे रुचि
जागरण संवाददाता, एटा: सपा शासन से परिषदीय स्कूलों के बच्चों के लिए चखने को मिलने वाला फलों का स्वाद फिलहाल छिनने की स्थिति में आ गया है। अगस्त के बाद बजट न दिए जाने जैसी स्थितियों के मद्देनजर अब शिक्षक वितरण व्यवस्था को सुनिश्चित करने के बजाय हाथ खड़े करने लगे हैं।
पोषण मिशन कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए ही सपा शासन ने स्कूलों में प्रत्येक सोमवार को हर बच्चे के लिए मौसमी फल उपलब्ध कराने की योजना शुरू की थी। प्रति छात्र शासन द्वारा चार रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई जा रही थी। पिछले महीने तक तो सबकुछ ठीक रहा, लेकिन योजना बंद होने को लेकर मिल रहीं जानकारियों के बाद शिक्षक संगठनों ने मिड-डे मील प्राधिकरण से संपर्क साध लिया, जहां अगस्त में ही योजना बजट के अभाव में रोके जाने की बात कही गई।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री वीरपाल ¨सह ने बताया कि वार्ता में खुद निदेशक और फल वितरण प्रभारी द्वारा इस बात को स्वीकार कर लिया गया कि अगस्त के बाद फल वितरण का बजट फिलहाल जारी करने की व्यवस्था नहीं है। दूसरी ओर विभाग में अभी तक इस बात को लेकर कोई भी आदेश नहीं पहुंचा है कि सितंबर माह से फल वितरण नहीं कराया जाएगा। ऐसे में अब तक तो शिक्षक बजट आने की आस में बच्चों को फल की व्यवस्था करते रहे, लेकिन योजना पर असमंजस के बाद धीरे-धीरे स्कूलों में यह योजना दम तोड़ती नजर आ रही है। खास बात तो यह है कि विभाग अभी तक स्थिति को स्पष्ट करने के बजाय फल वितरण योजना का क्रियान्वयन करा रहा है। लाभार्थी बच्चों की संख्या निर्धारित दिन जुटाई जा रही है। एमडीएम के जिला समन्वयक अमित चौहान ने बताया है कि अभी तक योजना बंद करने का कोई आदेश विभाग को नहीं मिला है। प्राधिकरण से इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा गया है। तब तक योजना का संचालन बंद नहीं किया जाएगा।