इलाहाबाद : एक लाख में खरीदी आंसर-की और हो गया चयन
अमर उजाला ब्यूरो, इलाहाबाद । राजस्व निरीक्षक की परीक्षा में एक महिला ने आंसर-की खरीदी, इंटरव्यू में कुछ रकम खर्च की और उसका अंतिम रूप से चयन हो गया। सपा शासनकाल में हुई भर्ती में भ्रष्टाचार का यह वीडियो वायरल होने के बाद भर्ती संस्थाओं में हड़कंप मचा है। प्रतियोगियों का आरोप है कि यह भर्ती उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर कराई गई थी, जबकि आयोग ने स्पष्टीकरण दिया है कि महिला वीडियो में जिस परीक्षा की बात कर रही है, आयोग ने उसका कोई विज्ञापन जारी ही नहीं किया। ऐसे में उंगली अब उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पर भी उठ रही है, क्योंकि वर्ष 2016 में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने यह भर्ती कराई थी।
वीडियो में महिला को यह कहते हुए स्पष्ट रूप से सुना जा सकता है कि राजस्व निरीक्षक की भर्ती में उसने एक लाख रुपये देकर आंसर-की खरीदी थी। पहले पेपर के कुल 150 प्रश्नों में 135 प्रश्न आंसर-की से मेल खा गए और दूसरे पेपर के 25 प्रश्नों में 22 पेपर आंसर-की से मिल गए। वीडियो में महिला यह भी कह रही है कि आंसर-की में इतने प्रश्न मिल गए, जो मेरिट में नाम लाने के लिए पर्याप्त थे। महिला ने इंटरव्यू में भी कुछ रकम खर्च की, लेकिन वीडियो में इसका खुलासा नहीं किया। प्रतियोगी दावा कर रहे हैं कि महिला उस जाति विशेष से ताल्लुक रखती है, जिसे फायदा पहुंचाने के लिए सपा शासनकाल के दौरान भर्ती परीक्षाओं में जमकर धांधली की गई।
वीडियो वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के मीडिया प्रभारी सुरेंद्र उपाध्याय की ओर से बयान जारी किया गया कि आयोग की ओर से राजस्व निरीक्षक-2016 का कोई विज्ञापन जारी नहीं किया गया। वायरल हुए वीडियो से आयोग का कोई संबंध नहीं। हालांकि, 2016 में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से राजस्व निरीक्षक के 465 पदों पर भर्ती की गई थी। ऐसे में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भी अब प्रतियोगियों के निशाने पर है। हालांकि, प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों को उनके पद से हटाया जा चुका है और उनकी जगह अब तक किसी नए अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई है।