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इलाहाबाद : यूपी बोर्ड की परीक्षा में ऑनलाइन होगी निगरानी

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इलाहाबाद : यूपी बोर्ड की परीक्षा में ऑनलाइन होगी निगरानी

अमर उजाला ब्यूरो, इलाहाबाद । माध्यमिक शिक्षा परिषद वर्ष 2018 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा को नकलविहीन कराने की तैयारी में अभी से जुटा है। इसके लिए सभी राजकीय एवं सहायता प्राप्त (एडेडे) विद्यालयों को अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरों से लैस करने की तैयारी है। इससे विद्यालयों की ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। प्रदेश के तकरीबन 2100 राजकीय इंटर कॉलेज, 25000 से अधिक एडेड इंटर कॉलेजों में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए कई कंपनियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। सरकार से इसके लिए बजट का भी प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है।

यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में नकल का बड़ा खेल होता है। बड़ी संख्या में ऐसे विद्यालय हैं जहां ज्यादातर वहीं छात्र-छात्राएं पंजीकरण कराते हैं, जिन्हें नकल से परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। मऊ, बलिया, आजमगढ़, हरदोई, इलाहाबाद, कौशाम्बी, मेरठ, कन्नौज, मथुरा, इटावा, अलीगढ़ आदि जिले के काफी विद्यालय नकल के लिए बदनाम है। यहां नकल माफिया प्रशासन से लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक, पुलिस से सेटिंग करते हैं और नकल कराने के लिए छात्र-छात्राओं से मोटी रकम वसूली जाती है। जिन विद्यालय प्रबंधन की सेटिंग होती है, वहां उड़ाका दल भी नहीं जाते।

वर्ष 2017 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं नकल करते हुए पकड़े गए। कई विद्यालयों को डिबार भी किया गया लेकिन इस बार यूपी बोर्ड ने परीक्षा नकलविहीन कराने के लिए कमर कस ली है और सभी विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाकर ऑनलाइन निगरानी की योजना बनाई गई है। राजकीय विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए दो कंपनियों ने क्रमश: साढ़े नौ एवं साढ़े सात करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव के मुताबिक एडेड विद्यालयों में भी सीसीटीवी लगाने के लिए कंपनी से प्रस्ताव मांगे गए हैं। बताया कि परीक्षा के पहले हर विद्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगवाने का प्रयास किया जाएगा। परीक्षा के दौरान विद्यालयों में बिजली न जाए, इसके लिए भी योजना बनाई जाएगी।

नकल का सबसे ज्यादा खेल वित्त विहीन विद्यालयों में होता है। प्रदेश में ऐसे काफी वित्त विहीन विद्यालय जिनमें मूलभूत सुविधाओं तक का अभाव है। बावजूद इसके उन्हें परीक्षा केंद्र बनाया जाता है सो इन विद्यालयों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश पहले से हो चुका है। वित्त विहीन विद्यालयों को इसके लिए सरकार किसी तरह की मदद नहीं देगी, बल्कि उन्हें स्वयं सीसीटीवी कैमरे लगवाने होंगे।

अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों की समस्याओं से वाकिफ होंगे। इसमें एलटी ग्रेड के रिक्त पदों पर प्रतिनियुक्ति, सेवानिवृत्त देय, ऑनलाइन परीक्षा केंद्र निर्धारण के लिए आधारभूत सूचनाओं को अपलोड करने, विद्यालयों की ऑनलाइन मान्यता, 408 राजकीय विद्यालयों में इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स के संचालन की स्थिति एवं रानी लक्ष्मी बाई बालिका आत्मरक्षा कार्यक्रम के संचालन, कक्षा नौ के कमजोर विद्यार्थियों को अतिरिक्त शिक्षण आदि विषय रखे जाएंगे।

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