लखनऊ : निकाय चुनाव की वोटर लिस्ट पुनरीक्षण में बीएलओ की लापरवाही बर्दाश्त नहीं-आयोग
विशेष संवाददाता-राज्य मुख्यालयप्रदेश में होने जा रहे शहरी निकायों के चुनाव के लिए वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण में बूथ लेबल आफिसर (बीएलओ) की लापरवाही पर राज्य निर्वाचन आयोग ने सख्त रुख अख्तियार किया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त एस.के.अग्रवाल ने जानकारी दी है कि आयोग के संज्ञान में आया है कि कुछ बीएलओ द्वारा अभी तक अपना काम शुरू नहीं किया गया है। ऐसे जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह तैनात किए गए बीएलओ को आदेश दें कि वह तत्काल अपने-अपने क्षेत्र में जाकर गणना, सर्वेक्षण और पाण्डुलिपि तैयार करने का काम हर हालत में तीन अक्टूबर तक पूरा करें। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि जिलाधिकारी स्वयं और जिम्मेदार अधिकारियों को लगाकर आकस्मिक जांच भी करवाएं ताकि उन्हें इस बाबत सही जानकारी मिल सके और वोटर लिस्ट के वृहद पुनरीक्षण का काम बगैर किसी खामी के पूरा हो सके।जिलाधिकारियों से कहा गया है कि कोई मतदाता सामान्यत: जिस वार्ड,मतदान स्थल का निवासी है उसका नाम उस वार्ड,मतदान स्थल की वोटर लिस्ट में शामिल न होकर किसी अन्य वार्ड,मतदान स्थल की मतदाता सूची में शामिल है तो ऐसे मतदाताओं को उनके सही स्थान पर मतदाता सूची में शामिल करवाया जाए।जिन मतदाताओं के विवरण मतदाता सूची में त्रुटिपूर्ण है उन त्रुटियों को दूर किया जाए, डुप्लीकेट मतदाताओं को मतदाता सूची से हटाया जाए और अपात्र मतदाताओं को भी सूची से हटाया जाए। प्रदेश में इस बार 16 नगर निगम, 198 नगर पालिका परिषद और 439 नगर पंचायतों के लिए चुनाव होने हैं। वोटर लिस्ट पुनरीक्षण के लिए प्रत्येक पोलिंग बूथ पर बूथ लेबल आफिसर नियुक्त किए गए हैं। पोलिंग बूथ की कुल संख्या 36,339 है। आयोग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर गणना, सर्वेक्षण और पाण्डुलिपि तैयार करने का काम 11 सितंबर से तीन अक्टूबर तक किया जाना है। वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने के लिए आनलाइन आवेदन की अवधि 11 से 25 सितम्बर है। आनलाइन प्राप्त आवेदन पत्रों की घर-घर जाकर जांच करने की अवधि 26 सितम्बर से तीन अक्टूबर है। अंतिम रूप से तैयार वोटर लिस्ट का जन सामान्य के लिए प्रकाशन 18 अक्टूबर को किया जाएगा।