इलाहाबाद : टीईटी एडमिट कार्ड को लेकर मचा हाहाकार, इंटरनेट का प्रमाणित अंकपत्र भी होगा मान्य, मुख्य सचिव 11 अक्टूबर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए टीईटी 2017 की तैयारियों का जायजा लेंगे।
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : डीएलएड (पूर्व बीटीसी) कालेजों में प्रवेश के लिए राज्य स्तरीय रैंक जारी होने के समय जिस तरह के हालात थे, कमोबेश वैसे ही समस्या फिर खड़ी हो गई है। टीईटी 2017 की परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड पाने के लिए साइबर केंद्रों पर भीड़ उमड़ रही है और एक साथ लाखों हिट होने से सर्वर डाउन हो गया है। इससे प्रवेश पत्र नहीं मिल पा रहा है। कई-कई बार प्रयास के बाद किसी तरह से कुछ अभ्यर्थियों को एडमिट मिल सका है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी का कहना है कि धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो जाएगी।
उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा 15 अक्टूबर को है। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा में शामिल होने के लिए करीब पौने दस लाख अभ्यर्थियों ने दावेदारी की है। । प्रदेश भर में एक साथ बड़ी संख्या में लोगों के वेबसाइट हिट करने से सर्वर डाउन हो गया है। कुछ जगहों पर वेबसाइट खुल ही नहीं रही है तो कई स्थानों पर बिना नाम, पता व परीक्षा केंद्र के एडमिट दिख रहा है। इससे अभ्यर्थी व अभिभावक परेशान हैं। 1परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से कहा गया है कि परीक्षा होने में अभी वक्त है सभी लोग एक साथ वेबसाइट हिट न करें, ताकि उन्हें आसानी से एडमिट कार्ड मिल जाए।
वीडियो कांफ्रेंसिंग 11 को : मुख्य सचिव 11 अक्टूबर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए टीईटी 2017 की तैयारियों का जायजा लेंगे। वह सीधे मंडलायुक्त, जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षकों से चर्चा करेंगे। परीक्षा अति संवेदनशील है इसलिए किसी तरह की कोताही न बरतने के बार-बार निर्देश दिए जा रहे हैं।
इंटरनेट का प्रमाणित अंकपत्र भी होगा मान्य
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी 2017 में इंटरनेट का प्रमाणित अंकपत्र भी मान्य कर दिया गया है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह ने अभ्यर्थियों की मांग पर शासन से अनुमति लेकर उन्हें बड़ी राहत दी है। उन्होंने इस संबंध में सभी जिलों व केंद्र व्यवस्थापकों को निर्देश जारी कर दिया है। सचिव डा. सिंह ने परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थियों को बैठने से रोकने के लिए बीएड व बीटीसी प्रशिक्षण के अंतिम वर्ष का मूल प्रमाणपत्र लाना अनिवार्य किया था। इस निर्देश के बाद अभ्यर्थियों में हड़कंप था। कानपुर विश्वविद्यालय समेत तमाम संस्थाओं के अभ्यर्थियों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी को अवगत कराया कि उन्हें अब तक अंतिम वर्ष का मूल प्रमाणपत्र नहीं मिला है, इंटरनेट पर अंकपत्र जरूर जारी हो चुका है। इस निर्देश से उनकी परीक्षा प्रभावित होगी। बीटीसी-2015 के चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा दे चुके प्रशिक्षुओं का कहना है कि उन्हें अब तक सिर्फ प्रथम सेमेस्टर का ही प्रमाणपत्र मिला है। दूसरे सेमेस्टर का परिणाम कई जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में है, जबकि तृतीय व चतुर्थ सेमेस्टर का अंकपत्र जिलों को नहीं मिला है। इससे चतुर्थ सेमेस्टर की परिणाम पास नहीं होने के कारण अभ्यर्थियों में संशय बना है। सचिव का कहना है कि परीक्षा केंद्र में उन्हीं अभ्यर्थियों को प्रवेश मिलेगा जो प्रवेश पत्र के साथ अपने ऑनलाइन आवेदन में अंकित फोटोयुक्त पहचान पत्र तथा प्रशिक्षण योग्यता (बीएड या बीटीसी आदि) प्रमाणित प्रमाणपत्र या अंकपत्र की प्रति लाएंगे।