इलाहाबाद : नौवीं, 11वीं में 53 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं पंजीकृत
अमर उजाला ब्यूरो इलाहाबाद। यूपी बोर्ड ने वर्ष 2019 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए विद्यार्थियों का कराया अग्रिम पंजीकरण कक्षा नौ के तकरीबन 30 लाख, 11वीं के 23.30 लाख विद्यार्थियों का हुआ ऑनलाइन पंजीकरण माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में नौवीं एवं 11वीं के 53 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं ने वर्ष 2019 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया। अग्रिम पंजीकरण के लिए अंतिम तिथि एक अक्तूबर निर्धारित की गई थी। हालांकि ऑनलाइन पंजीकरण के लिए ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया में देरी के कारण पंजीकरण की प्रक्रिया देर से शुरू हुई। इसकी वजह से कुछ विद्यालयों के विद्यार्थी पंजीकरण से छूट गए। अब इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षकों से रिपोर्ट मांगी गई है।
वर्ष 2019 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा सीबीएसई पैटर्न पर होने की उम्मीद है। इसके लिए यूपी बोर्ड ने पाठ्यक्रम तैयार करके अनुमति के लिए एनसीईआरटी को भेजा है। इस बीच 2019 की परीक्षा के लिए यूपी बोर्ड ने तैयारी भी शुरू कर दी है। इसकी शुरूआत वर्तमान में कक्षा नौ एवं 11 में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के अग्रिम पंजीकरण से हुई है। अंतिम दिन तक प्रदेशभर के विद्यालयों से कक्षा नौ के तकरीबन 30 लाख तथा 11वीं के करीब 23.30 लाख विद्यार्थियों ने ऑनलाइन अग्रिम पंजीकरण कराया।
अब यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड विवरण की चेकलिस्ट प्राप्त कर विद्यालय द्वारा उसमें दर्ज नाम, जन्मतिथि, विषय, फोटो आदि की जांच का काम 10 अक्तूबर तक होगा। इसके बाद विवरण में किसी तरह के संशोधन की आवश्यकता है तो उसके लिए 11 से 20 अक्तूबर तक का समय निर्धारित किया गया है। विद्यालयों को पंजीकृत विद्यार्थियों की फोटोयुक्त नामावली एवं कोषपत्र की एक प्रति परिषद के क्षेत्रीय कार्यालय को भेजने के लिए डीआईओएस कार्यालयों में जमा करने की अंतिम तिथि 25 अक्तूबर तय है। इस बीच जिन विद्यालयों के विद्यार्थी पंजीकरण से छूट गए हैं, इसके संबंध में यूपी बोर्ड ने डीआईओएस से रिपोर्ट मांगी है। इसकेबाद प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। वहां से अनुमति मिलने पर ही पुन: पंजीकरण प्रक्रिया शुरू होगी।
*विद्यालयों को बिल देने पर होगा भुगतान*
इलाहाबाद। नौवीं एवं 11वीं में अग्रिम पंजीकरण के मद में विद्यालय प्रत्येक विद्यार्थी से 50 रुपये शुल्क जमा करा रहे हैं। प्रत्येक छात्र के शुल्क में से 10 रुपये विद्यालयों को मिलने हैं। विद्यालयों को पहले पूरी रकम चालान के माध्यम से ट्रेजरी में जमा करानी होगी। उसके बाद बिल (पावना पत्र) तैयार कर यूपी बोर्ड को देंगे, फिर विद्यालयों को भुगतान होगा।