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फर्रुखाबाद : परिषदीय विद्यालयों को तीन कक्ष तक पांच हजार रुपये व इसके अधिक प्रत्येक अतिरिक्त कक्ष के लिए 15 सौ रुपये रंगाई-पुताई व लघु मरम्मत के लिए दिए जाते हैं, लेकिन अधिकतम धनराशि 10 हजार रुपये तो बिन पैसे कैसे चमके दीपावली पर स्कूल

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परिषदीय विद्यालयों को तीन कक्ष तक पांच हजार रुपये व इसके अधिक प्रत्येक अतिरिक्त कक्ष के लिए 15 सौ रुपये रंगाई-पुताई व लघु मरम्मत के लिए दिए जाते हैं, लेकिन अधिकतम धनराशि 10 हजार रुपये तो बिन पैसे कैसे चमके दीपावली पर स्कूल

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : परिषदीय विद्यालयों की रंगाई-पुताई के लिए 11 अगस्त को 1.39 करोड़ रुपये बजट स्वीकृत हुआ था। 17 अगस्त को ही इस पर रोक लग गई। बावजूद इसके बेसिक शिक्षा विभाग ने दीपावली से पूर्व विद्यालयों की रंगाई पुताई के निर्देश जारी कर दिए। अब शिक्षक बिन पैसे कैसे चमकाएं स्कूल, यह सवाल विद्यालयों में घूम रहा है।

परिषदीय विद्यालयों को तीन कक्ष तक पांच हजार रुपये व इसके अधिक प्रत्येक अतिरिक्त कक्ष के लिए 15 सौ रुपये रंगाई-पुताई व लघु मरम्मत के लिए दिए जाते हैं, लेकिन अधिकतम धनराशि 10 हजार रुपये ही रहती है। इससे सफेद सीमेंट की पुताई कराकर विद्यालयों को चमकाया जाता है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने पत्र जारी कर सभी विद्यालयों में एक सप्ताह में विद्यालय भवन का रंगरोगन व पेंट आदि का कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिए। जबकि प्रधानाध्यापकों का कहना है कि उन्हें अभी इस मद में पैसा ही नहीं मिला। दरअसल 11 अगस्त को जिले के 1855 परिषदीय विद्यालयों के लिए एक करोड़ 39 लाख 57 हजार रुपये ग्रांट स्वीकृति का आदेश आया था। 17 अगस्त को ही ग्रांट पर रोक लगा दी गई। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि जिन विद्यालयों में खेती योग्य जमीन लगी है, वहां इसकी आय से रंगाई-पुताई कराई जा सकती है। विद्यालयों में किसी अन्य मद में धनराशि उपलब्ध है तो भी रंग रोगन का कार्य हो सकता है। बाद में इस मद में पैसा आने पर धनराशि का समायोजन हो जाएगा। रंगाई-पुताई के बजट आवंटन किए जाने के लिए राज्य परियोजना निदेशक को पत्र भेजा जा रहा है।

छात्र उपस्थिति न बढ़ाने पर कार्रवाई होगी

विद्यालयों में छात्र उपस्थिति की बदहाल स्थिति के प्रति अधिकारी सचेत हुए हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर छात्र उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान अत्यधिक कम उपस्थिति पायी जा रही है। प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक मिलकर छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने को अभियान चलाएं। इसमें रुचि न लेने वाले शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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