इलाहाबाद : यूपी बोर्ड 2018 परीक्षा में अनुक्रमांक व नामावली का पेंच, प्रायोगिक परीक्षा से पहले रोल नंबर तैयार कराना बड़ी चुनौती
इलाहाबाद । यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2018 के प्रायोगिक (प्रैक्टिकल) इम्तिहान की तैयारियां शुरू हैं लेकिन, इसमें परीक्षार्थियों के अनुक्रमांक व उनकी नामावली समय पर तैयार कराना सबसे बड़ी चुनौती है। यही नहीं, शासन के सख्त निर्देश हैं कि ऐसा कोई भी शिक्षक परीक्षक न बने जो मृत हो चुका हो या फिर उस पर गंभीर आरोप हों। ऐसे में बोर्ड परीक्षकों का हर जिले से परीक्षण कराकर सूची जारी करेगा। 1माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की परीक्षा में इस बार हर कार्य पारदर्शी तरीके से करने के कड़े निर्देश हैं। बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाएं आमतौर दिसंबर व जनवरी माह में होती रही हैं लेकिन, लिखित परीक्षा फरवरी के पहले सप्ताह में शुरू कराने की वजह से प्रैक्टिकल और पहले कराना है। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों ने ऑनलाइन फार्म भर दिए हैं और उनकी अनुमानित संख्या 67 लाख से अधिक घोषित हो चुकी है। इस बार पूरब के जिलों में बाढ़ आने के कारण परीक्षा फार्म भरने की तारीख बढ़ानी पड़ी इसलिए परीक्षा फार्मो को अभी अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। प्रधानाचार्य उसकी जांच और संशोधन होना बाकी है। यह प्रक्रिया दीपावली बाद तक चलेगी, क्योंकि समय सारिणी पहले से जारी है। ऐसे में परीक्षार्थियों के अनुक्रमांक व नामावली बनाने का कार्य जल्द पूरा होने के आसार नहीं है। इसके बगैर परीक्षा कार्य शुरू ही नहीं किया जा सकता है। 1यही नहीं, हर साल बोर्ड मुख्यालय से प्रायोगिक परीक्षाओं के परीक्षकों की सूची जारी होती है। पिछले वर्षो में ऐसे कई परीक्षक बन गए जिनकी जगह पर दूसरे परीक्षक विद्यालयों में पहुंचे। साथ ही कई मृतक शिक्षक भी परीक्षक बने और कुछ परीक्षक परीक्षा लेने ही नहीं इसकी कई शिकायतें हुईं। ऐसे में शासन ने निर्देश दिया है कि परीक्षकों का सही से परीक्षण करके से सूची जारी की जाए। ऐसे में जिन शिक्षकों ने परीक्षक बनने के लिए ऑनलाइन या फिर लिखित आवेदन किया है उनकी सूची संबंधित जिलों में भेजकर जिला विद्यालय निरीक्षक से रिपोर्ट ली जाएगी उनके अनुमोदन के बाद ही अंतिम सूची जारी की जाएगी। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार प्रायोगिक परीक्षा पिछले वर्षो से पहले कराने की तैयारी है। शासन के निर्देश का भी पूरी तरह से पालन होगा। परीक्षा पारदर्शी तरीके से कराई जाएगी।’प्रायोगिक परीक्षा से पहले रोल नंबर तैयार कराना बड़ी चुनौती 1’ आवेदक शिक्षकों का परीक्षण कराने के बाद ही बनेंगे परीक्षक