इलाहाबाद : मदरसा प्रबंधकों को अब अनुदान के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा, 229 मदरसों का डाटा पोर्टल पर हुआ लॉक
हिन्दुस्तान टीम, इलाहाबाद । मदरसा प्रबंधकों को अब अनुदान के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। अनुदान व वेतन की धनराशि उनके बैंक खाते में सीधे भेजने की तैयारी चल रही है। दो तीन महीने में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी।
मदरसा पोर्टल पर प्रबंधकों को छात्र संख्या, भवन का विवरण अपलोड करना है। इसके साथ प्रबंधतंत्र के हर सदस्य का ब्योरा आधार नंबर के साथ भरना होगा। हर छात्र का भी आधार नंबर फीड करना होगा। मदरसा अगर किराए के भवन में है तो उसका विवरण भी ऑनलाइन करना होगा। जिले में कुल 360 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। इनमें से 43 राजकीय सहायता प्राप्त हैं। आधुनिकरण के लिए 165 मदरसों का चयन किया गया। आधुनिककरण वाले मदरसों के तीन शिक्षकों को मानदेय दिया जाता है। 142 मदरसे बिना किसी सरकारी के मदद के चल रहे हैं।
सभी मदरसों को पोर्टल पर डाटा ऑनलाइन करना होगा। जिससे अनुदान की धनराशि उनके खाते में भेजी जा सके। अब तक 229 मदरसों के प्रबंधन ने पोर्टल पर डाटा फीड कर दिया गया है। इससे यह भी पता चल जाएगा कितने मदरसे बंद हो चुके हैं।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी एसपी तिवारी का कहना है डॉटा आनलाइन करने के साथ सर्वे भी कराया जा रहा है। यह सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद मदरसों के बैंक खाते में सीधे अनुदान व मानदेय की धनराशि ट्रांसफर की जाएगी।