इलाहाबाद : केंद्र के लिए 25 हजार स्कूल दावेदार, डिबार व दागी स्कूल नहीं बनाए जाएंगे परीक्षा केंद्र
इलाहाबाद । यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2018 के लिए प्रदेश के 25 हजार विद्यालयों ने केंद्र बनाने की दावेदारी की है। इनमें से अधिकांश विद्यालयों के पक्ष में जिला विद्यालय निरीक्षकों ने भी रिपोर्ट दी है। इसके बाद भी करीब आठ हजार से अधिक विद्यालय ही केंद्र बन पाएंगे। इसकी वजह यह है कि पहले राजकीय व
अशासकीय विद्यालयों को मौका मिलेगा, इसके बाद विकल्प न मिलने पर बचे परीक्षार्थियों को निजी कालेजों में भेजा जाएगा।
यूपी बोर्ड में केंद्र निर्धारण का कार्य इस बार जिला विद्यालय निरीक्षक से लेकर बोर्ड मुख्यालय को सौंपा गया है। इसके लिए विशेष साफ्टवेयर तैयार किया गया है। इस साफ्टवेयर के जरिए परीक्षा केंद्रों का निर्धारण होगा। बोर्ड प्रशासन ने सूबे के सभी विद्यालयों से ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। इसमें स्कूलों को अपने यहां मौजूदा संसाधनों का विस्तार से ब्योरा देना था। करीब 25 हजार विद्यालयों ने अपने स्कूलों को केंद्र बनाने की दावेदारी की है। बोर्ड ने इसका सत्यापन जिला विद्यालय निरीक्षक से कराया।
सूत्रों की मानें तो अधिकांश स्कूलों के पक्ष में ही रिपोर्ट आई है। इसके बाद भी बोर्ड प्रशासन की मजबूरी है कि कम से कम विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाए, ताकि परीक्षा के दौरान उनका सही से पर्यवेक्षण हो सके। साथ ही शासन की ओर से तय मानकों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसलिए आठ हजार से अधिक परीक्षा केंद्र बनने की उम्मीद है।
यूपी बोर्ड उन विद्यालयों को किसी भी कीमत पर परीक्षा केंद्र नहीं बनाएगा, जो डिबार हुए हैं या फिर जिनकी साख सही नहीं है। यही नहीं डिबार सूची जारी होने के बाद केंद्र निर्धारण का साफ्टवेयर खुद ऐसे स्कूलों को बाहर कर देगा। उनकी फीडिंग होने पर भी साफ्टवेयर उसे स्वीकार नहीं करेगा। ऐसे में अफसरों की मजबूरी है कि उन्हें बाहर ही रखे।
साफ्टवेयर का परीक्षण आज : यूपी बोर्ड मुख्यालय पर केंद्र निर्धारण के लिए बने साफ्टवेयर का शुक्रवार को परीक्षण होगा। इसके लिए अफसर इलाहाबाद जिले की छात्र संख्या के आधार पर केंद्र निर्धारित करेंगे, ताकि पता चल सके कि कठिनाई कहां आ रही है। यह प्रयोग सफल होने के बाद परीक्षा नीति आते ही उसे लागू किया जाएगा।
स्कूलों में लगाए जा रहे कैमरे : बोर्ड प्रशासन उन्हीं स्कूलों को इस बार परीक्षा केंद्र बना रहा है, जहां पर सीसीटीवी कैमरा, इनवर्टर, जेनरेटर आदि का प्रबंध हो। सूत्रों के मुताबिक सवा सौ से अधिक राजकीय कालेजों में भी सीसीटीवी कैमरे लग गए हैं। इसी तरह से अशासकीय विद्यालय भी यह सुविधा लेने में पीछे नहीं हैं।