लखनऊ : जांच की इन 30 सीढ़ियों को पार करने के बाद ही मिल सकेगा छात्रवृत्ति योजना का लाभ
ब्यूरो/अमर उजाला, लखनऊ । छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ छात्रों को जांच की 30 सीढ़ियां पार करने के बाद ही मिल पाएगी। इसके लिए शासन ने समाज कल्याण निदेशालय को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। अगले महीने ऑनलाइन आवेदनों की स्क्रीनिंग का काम शुरू होगा।
राज्य सरकार दो लाख रुपये तक सालाना आय वाले परिवारों के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने के साथ ही उन्हें शुल्क भरपाई की सुविधा देती है। चालू वित्त वर्ष में योजना का लाभ लेने के लिए 55 लाख से ज्यादा विद्यार्थी आवेदन कर चुके हैं। योजना को पूरी पारदर्शिता के साथ लागू करने के लिए प्रत्येक आवेदन की 30 बिंदुओं के आधार पर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।
इनमें आय, जाति और निवास प्रमाणपत्र, हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का रिकॉर्ड और पिछले साल की परीक्षा के रिकॉर्ड की जांच होगी। यह भी देखा जाएगा कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि विद्यार्थी ने कोई एक कोर्स बीच में छोड़कर दूसरे कोर्स में दाखिला ले लिया है। जबकि, अधूरे छोड़े गए कोर्स के दौरान भी योजना का लाभ लिया था। ऐसा होने पर उस विद्यार्थी को इस साल योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
*आधार नंबर की मदद से भी की जाएगी जांच*
यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर विद्यार्थी के रोल नंबर की भी जांच की जाएगी कि वास्तव में उसने उस वर्ष हाईस्कूल किया भी है या नहीं। आधार नंबर की मदद से राजस्व विभाग की वेबसाइट पर अपलोड आय प्रमाणपत्र और आयकर विभाग में दाखिल इन्कम टैक्स रिटर्न के आधार पर परिवार की सही आय का पता भी लगाया जाएगा।
इस तरह के कुल 30 बिंदु हैं, जिनके आधार पर जांच की जाएगी। एनआईसी ने जांच के इन बिंदुओं को अपने सॉफ्टवेयर में शामिल कर लिया है। सभी 30 बिंदु क्लियर होने पर ही किसी विद्यार्थी का डाटा फाइनल पेमेंट के लिए अग्रसारित किए जाएंगे। समाज कल्याण निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह स्क्रीनिंग नवंबर के दूसरे पखवाड़े में की जाएगी।