मेरठ : जो करेगा टीईटी पास, उसे नौकरी का पक्का चांस, मेरठ-सहारनपुर मंडल में 42 सौ पद खाली
मेरठ वरिष्ठ संवाददाता । नियुक्ति से पहले दो स्तरीय परीक्षा को पास करने में जो भी स्टूडेंट सफल हो जाएंगे उनकी नौकरी पक्की होगी। प्रदेश में हाल में हुई टीईटी में तीन लाख 49 हजार 192 स्टूडेंट ने प्राइमरी स्तर पर पेपर दिया था। यूपी टीईटी की तीन परीक्षाओं में सर्वाधिक रिजल्ट 2013 में 25 फीसदी रहा था। सीटीईटी में अब तक का श्रेष्ठ रिजल्ट 2015 में 17 फीसदी रहा। यदि यह मान लिया जाए कि इस बार भी प्राइमरी टीईटी का रिजल्ट 25 फीसदी रहता है तो प्रदेश में 87 हजार 298 स्टूडेंट नियुक्ति से पहले शिक्षकों के लिए होने वाले टेस्ट में बैठ सकेंगे। प्रदेश में कुल 68 हजार पदों पर भर्ती होनी है। ऐसे में पद और टेस्ट में बैठने वालों के बीच प्रतिस्पर्धा का अंतर बेहद कम हो जाएगा। यानी एक पद पर 1.28 अभ्यर्थियों के बीच नियुक्ति को लेकर मुकाबला होगा। नियुक्ति से पहले के टेस्ट में कुछ छात्र अनुपस्थित भी रहेंगे। कुछ का स्कोर बेहद खराब भी हो सकता है। ऐसे में जो भी छात्र इस टेस्ट में अच्छा स्कोर करेगा उसकी नियुक्ति लगभग तय है। हालांकि यदि शिक्षा मित्र टीईटी पास करते हुए टेस्ट में औसत स्कोर करते हैं तो वे अन्य छात्रों के मुकाबले और आगे जा सकते हैं।
मेरठ-सहारनपुर मंडल में 42 सौ पद खाली
प्राइमरी स्कूलों में प्रस्तावित भर्ती प्रक्रिया में मेरठ-सहारनपुर मंडल के नौ जिलों में कुल 42 सौ पदों पर नियुक्ति का मौका मिलेगा। इसमें सहारनपुर में सर्वाधिक सात सौ पदों पर नियुक्ति होगी। हापुड़-शामली को छोड़ बाकी सभी जिलों में रिक्त पदों की संख्या 500 या इससे ज्यादा होगी। इसमें बागपत में 500, बुलंदशहर में 550, गौतमबुद्ध नगर में 500, गाजियाबाद में 300, हापुड़ में 200, मुजफ्फरनगर में 550, मेरठ में छह सौ, सहारनपुर में 700 और शामली में तीन सौ पदों पर नियुक्ति होगी।