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इलाहाबाद : 70 हजार से अधिक शिक्षक, कर्मचारी एनपीएस से वंचित

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इलाहाबाद : 70 हजार से अधिक शिक्षक, कर्मचारी एनपीएस से वंचित

अमर उजाला ब्यूरो, इलाहाबाद । प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में एक अप्रैल 2005 अथवा उसके बाद नियुक्ति शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों में से 70 हजार से अधिक नई पेंशन योजना (एनपीएस) के लाभ से अब तक वंचित हैं। इसकी वजह से उन्हें काफी आर्थिक नुकसान भी हो चुका है। यह हाल तब है, जब उन्हें परमानेंट एकाउंट नंबर (प्रॉन) आवंटित हो चुका है। पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण नई दिल्ली ने शिक्षा विभाग की इस लापरवाही को गंभीरता से लिया और इस पर आपत्ति की है। इससे अफसरों में हड़कंप है। प्राधिकरण की ओर से आपत्ति दर्ज कराने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के वित्त नियंत्रक ने सभी वित्त एवं लेखाधिकारियों को तत्काल काम पूरा करने का निर्देश दिया है।

सरकार ने पुरानी पेंशन योजना खत्म करने के बाद एनपीएस की शुरूआत की। इसके तहत कर्मचारी के वेतन से जितनी धनराशि काटी जाएगी, उतनी ही रकम सरकार कर्मचारी के खाते में जमा करेगी। इसके लिए अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को प्रॉन आवंटित किए गए लेकिन शिक्षा महकमे के अफसर शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के वेतन से एनपीएस के तहत वेतन से कटौती करना शायद भूल गए। इस संबंध में पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण की ओर से बेसिक शिक्षा परिषद के वित्त नियंत्रक को पत्र भेजा गया तो बड़ी संख्या में शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को आवंटित प्रॉन के सापेक्ष कटौती न होने के पता चला।

प्राधिकरण की ओर से भेजे गए पत्र में बताया गया कि 65529 शिक्षक एवं कर्मचारियों के वेतन से कटौती नहीं हो रही। 3306 प्रॉन ऐसे हैं, जिनमें नामिनी का उल्लेख नहीं है, जबकि 1415 प्रॉन में कोई संपर्क डिटेल (मोबाइल नंबर) नहीं है। 26 प्रॉन पेंडिंग ग्रीवांस में लटके हुए हैं। इसके बाद वित्त नियंत्रक मणिशंकर पांडेय ने सभी बेसिक शिक्षा के सभी वित्त एवं लेखाधिकारियों को एनपीएस के दायरे में आने वाले शिक्षक एवं कर्मचारियों के लिए सीएसआआरएफ प्रॉन आवंटन सब्सक्राइवर फॉर्म भरवाकर पूरी तरह से परीक्षण कर एनएसडीएल या संबंधित फैसिलिटी सेंटर को उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए उन्होंने अफसरों की जिम्मेदारी भी तय की है।

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