सिद्धार्थनगर : समय से जवाब न देने पर लोटन के एक पूर्व खंड शिक्षाधिकारी पर राज्य सूचना आयोग ने पच्चीस हजार रुपये का जुर्माना किया
सिद्धार्थनगर : समय से जवाब न देने पर लोटन के एक पूर्व खंड शिक्षाधिकारी पर राज्य सूचना आयोग ने पच्चीस हजार रुपये का जुर्माना किया है। 30 जुलाई 2014 को उनसे सात ¨बदुओं के तहत आरटीआइ एक्टिविस्ट प्रशस्त उपाध्याय ने जानकारी मांगी थी। 16 सितंबर 2015 को देर से जानकारी देने पर उन्होंने द्वितीय अपील दाखिल की थी। राज्यसूचना आयोग में तत्कालीन खंड शिक्षाधिकारी लोटन व्यास देव को तलब किया गया था। उन्होंने खुद की बजाय किसी और को जवाब देने के लिए भेजा। ऐसे में राज्य सूचना आयोग ने उन पर 25 हजार रुपये अधिकतम का जुर्माना किया है।
सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आरटीआइ कार्यकर्ता व जिला मुख्यालय से सटे ग्राम भीमापार निवासी प्रशस्त उपाध्याय ने तीन वर्ष पूर्व खंड शिक्षाधिकारी लोटन से सात बिन्दुओं के तहत सूचना मांगी। इसमें आंशिक व गलत सूचनाएं उन्हें 16 सितंबर 2015 को उपलब्ध कराई गईं। इसे लेकर उन्होंने द्वितीय अपील दाखिल की। 19 फरवरी 2016 को तत्कालीन खंड सूचना अधिकारी लोटन ब्यास देव को राज्य सूचना आयोग सुनवाई के लिए बुलाया गया था, पर वह पहुंचे नहीं। प्रतिवादी पक्ष से तत्कालीन खंड शिक्षाधिकारी रमेश कुमार उपस्थित हुए। प्रतिवादी को निर्देशित किया गया कि वह अगली तिथि पर सुनवाई पर पहुंचे। आयोग के आदेश के बावजूद प्रतिवादी जन सूचनाधिकारी द्वारा वांछित सूचनाएं समय से न देने का स्पष्टीकरण नहीं दिया। ऐसे में तैनाती की अवधि से उनसे रोजाना 250 रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। यह रकम 25 हजार से अधिक नहीं होगी।
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