अम्बेडकरनगर : पौने दो लाख बच्चों को नहीं मिले जूते-मोजे,
ब्यूरो/अमर उजाला, अंबेडकरनगर। परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क स्वेटर, जूता व मोजा उपलब्ध कराने का शासन का निर्देश जिले में हवाहवाई साबित हो रहा है। संबंधित अधिकारियों व चयनित कार्यदायी संस्था की लापरवाही का ही नतीजा है कि निर्धारित समय सीमा 16 अक्तूबर बीत जाने के बावजूद अब तक जिले में जूता व मोजा पहुंच ही नहीं सके हैं। जबकि स्वेटर वितरण को लेकर जिले में किसी प्रकार का निर्देश ही शासन से नहीं पहुंच सका है। जूता व मोजा के क्रय का निर्देश तो हो चुका है, लेकिन स्वेटर का दूर-दूर तक कुछ पता नहीं है। नतीजा यह है कि जिले के 1873 परिषदीय विद्यालयों व आठ कस्तूरबा विद्यालयों के एक लाख 80 हजार आठ बच्चों को मायूसी हाथ लग रही है।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिषदीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क एक जोड़ी जूता, दो जोड़ी मोजा व एक स्वेटर उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। जिले में बच्चों को जूता व मोजा उपलब्ध कराने के लिए लिबर्टी करनाल हरियाणा कंपनी को नामित किया गया। 16 अक्तूबर तक छात्र-छात्राओं को जूता, मोजा व स्वेटर वितरण का कार्य पूर्ण कर लिए जाने का निर्देश दिया गया। जिले में कुल एक हजार 353 प्राथमिक विद्यालय, 520 उच्च प्राथमिक व आठ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय स्थापित हैं, जिनमें एक लाख 80 हजार आठ छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
शासन द्वारा निर्धारित समय सीमा समाप्त हुए एक सप्ताह से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक जिले में जूता व मोजा नहीं पहुंच सके हैं। लगभग एक माह पहले ही क्रय के लिए कंपनी को पत्र लिखा गया, लेकिन अब तक प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी है। और तो और स्वेटर वितरण के बारे में शासन से अब तक किसी प्रकार का दिशा-निर्देश जिले तक ही नहीं पहुंच सका है। नतीजा यह है कि संबंधित विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को मायूसी हाथ लग रही है। स्वेटर को लेकर जिस प्रकार से लापरवाही का आलम है, उसे देखते हुए सर्दी तक बच्चों को स्वेटर मिल सकेगा, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
बीएसए अतुल कुमार सिंह ने कहा कि जूता-मोजा के लिए जिस कंपनी को नामित किया गया है, उसने जानकारी दी है कि 28 अक्तूबर से पांच नवंबर तक जूता व मोजा जिले में पहुंच जाएंगे। इसके बाद जूता व मोजा छात्रा की संख्या के आधार पर विद्यालयों में भेज दिया जाएगा। स्वेटर वितरण के बारे में जिले में किसी प्रकार का दिशा-निर्देश शासन से नहीं आया है।