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आगरा : किताबों की ढुलाई में घोटाला, दो साल पहले नौ लाख, एक साल पहले आठ लाख में हुई ढुलाई

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आगरा : किताबों की ढुलाई में घोटाला, दो साल पहले नौ लाख, एक साल पहले आठ लाख में हुई ढुलाई

जागरण संवाददाता, आगरा: बेसिक शिक्षा विभाग और सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय में शिक्षा, संस्कार, चरित्र निर्माण और ईमानदारी की बातें अब बेईमानी सी लगती हैं। यहां अब की दीमक लग गई है। विभाग में किताबों की ढुलाई पर घोटाला हुआ, लेकिन यह पकड़ में तब आया जब इस साल मात्र एक तिहाई कीमत पर ढुलाई हो गई।

बेसिक शिक्षा विभाग के 2970 परिषदीय स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत मुफ्त किताबें मिलती हैं। ये किताबें पहले जिला मुख्यालय पर आती हैं। यहां से इन्हे बीआरसी और वहां से फिर स्कूलों तक पहुंचाया जाता है। सर्वशिक्षा अभियान के अशोक नगर कार्यालय द्वारा दो वर्ष पहले हुई पुस्तकों की ढुलाई का बिल नौ लाख बनाया और उसका भुगतान भी हुआ। एक साल पहले किताबों की ढुलाई के आठ लाख रुपये का भुगतान हुआ। वो भी दो भागों में। किताबें जिला मुख्यालय से महज ब्लॉक तक पहुंचाई गई। बिल भुगतान हुआ स्कूलों तक पहुंचाने का। स्कूलों तक किताबें पहुंचाई ही नहीं गई, लेकिन फर्जी बिल बनाकर भुगतान कर लिया गया। इस बार किताबों की ढुलाई पर महज तीन लाख रुपये का खर्चा आया है।

घोटाले में अफसरों की मिलीभगत: सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी का कहना है कि वाहन के अधिक चक्कर लगने से अधिक खर्चा हो गया था। अब सवाल ये है कि जरूरत से अधिक चक्कर क्यों किए गए। एक ही ब्लॉक पर एक बार में किताबें क्यों नहीं भेजी गई, बार-बार क्यों वाहन भेजा और कागजों में दर्शाया गया। बिल पास करते समय इसे गंभीरता से क्यों नहीं लिया गया। क्या अधिकारियों की भी मिलीभगत थी, ढुलाई की अधिक राशि भुगतान हुआ तो इसका बंदरबांट किन-किन के बीच हुआ। ऐसे कई सवाल अब जवाब तलाश रहे हैं।सभी किताबों को ब्लॉक कार्यालयों पर पहुंचा दिया है। इसमें ढुलाई खर्चा करीब तीन लाख रुपये आया है। पूर्व वर्षो में किताबों की ढुलाई पर कितना खर्चा आया था, इसकी जानकारी नहीं है।
- अनिल चौधरी, जिला समन्वयक

दो साल और एक साल पहले किताबों की ढुलाई पर खर्चा इसलिए अधिक हो गया था, क्योंकि ढुलाई वाहन के चक्कर अधिक हो गए थे। दो साल पहले करीब सात और एक साल पहले करीब छह लाख रुपये ढुलाई पर खर्च हुए थे।

बीएस राठौर, सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी, सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय

दो साल और एक साल पहले किताबों की ढुलाई पर कितने खर्च का भुगतान किया गया, इसकी मुङो जानकारी नहीं है। ढुलाई खर्चा में अधिक अंतर आ रहा है तो मामले की जांच कराई जाएगी।
- अर्चना गुप्ता, बीएसए

किताबों की ढुलाई में विगत वर्षो से इस बार खर्चा आधे से भी कम हुआ है तो यह वित्तीय अनियमितता का मामला बनता है। इसकी जांच कराकर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। संबंधित कर्मचारी और अधिकारियों से जवाब तलब किया जाएगा।
- गिर्जेश चौधरी, सहायक निदेशक, बेसिक शिक्षा विभाग

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