एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर श्रावस्ती बहराइच मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

लखनऊ : वेतन-बोनस बिन बीता कर्मचारियों का दीवाली पर्व, सरकार की घोषणा से ही करना पड़ा संतोष

0 comments

लखनऊ : वेतन-बोनस बिन बीता कर्मचारियों का दीवाली पर्व, सरकार की घोषणा से ही करना पड़ा संतोष

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : वेतन मिलने में भले ही देर हुई पर दीपावली से पहले बोनस देने की सरकार की घोषणा ने कर्मचारियों में उत्साह भर दिया था। जिन विभागों में वेतन और बोनस दोनों समय से मिल गए, वहां तो कर्मचारियों के परिवारों में पर्व की उमंग के पंख लग गए लेकिन दूसरी तरफ कर्मचारियों का एक बड़ा वर्ग ऐसा भी था, जिन्हें बकाया वेतन भी न मिलने के कारण कम संसाधनों में ही सारे आयोजन करने पड़ गए। हालांकि उत्साह में यहां भी कोई कमी नहीं थी।

प्रदेश सरकार ने पिछले महीने जहां दशहरा व मुहर्रम से पहले सितंबर का वेतन देने की घोषणा की थी, वहीं पिछले दिनों 10 अक्टूबर को दीपावली से पहले बोनस देने का भी ऐलान कर दिया गया था। यह दोनों बातें राज्य कर्मचारियों के त्योहार में चार चांद लगाने जैसी थीं। खुले दिल से कर्मचारियों के सभी वर्गो ने इसका स्वागत किया लेकिन, कुछ विभागों और निगमों के कर्मचारियों के लिए यह आस पूरी नहीं हुई। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्र बताते हैं कि जो वेतन 30 सितंबर से पहले मिलना था, वह महराजगंज, ललितपुर, महोबा, कौशांबी, लखीमपुर व औरैया सहित कई जिलों में स्वास्थ्य विभाग के दफ्तरों में दीपावली तक भी नहीं पहुंचा।

कई जिलों में वन विभाग के कर्मचारी भी वेतन का इंतजार करते रह गए। ऐसा ही हाल बोनस का हुआ। 10 अक्टूबर को बोनस की घोषणा के बाद जिस रफ्तार से काम हुआ, उसके नतीजे में प्रदेश के बड़े जिलों और मंडल मुख्यालयों में तो कमोबेश बोनस की रकम बंट गई लेकिन छोटे जिलों में कर्मचारी इसका इंतजार ही करते रह गए। निगमों में तो हालत और भी खराब है। कर्मचारी कल्याण निगम के डिपो और फैमिली बाजारों में कहीं दो तो कहीं तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। अल्पसंख्यक कल्याण निगम में तीन महीने का वेतन बकाया है, जबकि खत्म होने की कगार पर पहुंच चुके यूपीडीसीएल जैसे निगमों में तो कर्मचारियों को वेतन मिले एक साल से भी अधिक बीत गया। जल निगम में भी कर्मचारियों का एक महीने का वेतन बकाया है। गनीमत है कि अगस्त महीने का वेतन यहां पिछले दिनों बंटा है, इसलिए पर्व पर कर्मचारियों के हाथ में पैसा है। हालांकि बोनस बंटे यहां सात साल हो गए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।