लखनऊ : नकल रोकने के फुलप्रूफ इंतजाम हैं केन्द्र निर्धारण नीति में
हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ, प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालय । यूपी बोर्ड 2018 की परीक्षाओं में पहले सरकारी, फिर सहायता प्राप्त और इसके बाद भी परीक्षार्थी बचेंगे तो निजी स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा। वहीं पूरी तरह से सॉफ्टवेयर ही परीक्षा केंद्र को परीक्षार्थी आवंटित करेगा। केंद्र निर्धारण में मानवीय दखल को लगभग खत्म कर दिया गया है।
माना जाता है कि निजी स्कूलों में नकल करवाना आसान होता है। नकल माफिया भी स्कूल प्रबंधकों से जोड़-तोड़ कर नकल कराने का ठेका स्कूलवार लेते हैं। वहीं पूर्ण धारण क्षमता के इस्तेमाल करने के आदेश भी हैं यानी किसी स्कूल में 1000 विद्यार्थी बैठ सकते हैं तो वहां पूरी संख्या आवंटित की जाएगी। अभी तक 1000 की धारण क्षमता वाले स्कूलों में भी 400-500 विद्यार्थी आवंटित कर दिए जाते हैं। ऐसा इसलिए कि निजी स्कूलों को ज्यादा से ज्यादा शामिल किया जा सके।
इसके अलावा ग्रेडिंग करने से भी खराब स्कूल मेरिट लिस्ट में नीचे चले जाएंगे और अच्छे स्कूलों को मौका मिलेगा। डीआईओएस से लेकर नकल माफियाओं तक का दखल केंद्र निर्धारण में खत्म किया जा रहा है। इससे न सिर्फ यूपी बोर्ड के अधिकारी अनावश्यक दबाव से बचेंगे बल्कि नकल माफियाओं के हौसले भी पस्त होंगे। यूपी बोर्ड पर नकल को न रोक पाने के आरोप लगते रहे हैं। कुछेक जिले ऐसे हैं जो नकल माफियाओं के लिए बहुत मुफीद कहलाते हैं। ऐसे जिलों पर भी बोर्ड की खास नजर रहेगी।